रायपुर. छत्तीसगढ़ में पीएम आवास पर राजनीति गरमाई हुई है. विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बयानबाजी हो रही है. इस बीच सोमवार को विधानसभा में पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने यह स्वीकार किया कि केंद्र सरकार द्वारा 16.60 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से 12.73 लाख आवास वापस लिया गया है. राज्य सरकार द्वारा 3.08 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं. इनमें 82973 आवास पूर्ण हो चुके हैं.

1.57 लाख आवास का काम शुरू नहीं हुआ है. यह जानकारी 2019-20 से 31 जनवरी 2023 तक की है. पूर्व स्पीकर धरमलाल कौशिक द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में पंचायत मंत्री चौबे ने यह जानकारी दी है. सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में पूर्व स्पीकर कौशिक ने कहा, 16 लाख आवास स्वीकृत किए गए और राज्य सरकार द्वारा 82 हजार 973 आवास ही बने हैं. एक तरफ केंद्र की राशि का राज्यांश सरकार नहीं दे पा रही है.

इस कारण गरीबों का आवास नहीं बन रहा है. आवास बनते तो लोगों को काम मिलता. केंद्र सरकार से 11 हजार करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को मिलता. मकान के साथ रोजी रोजगार की व्यवस्था होती. एक ओर सीएम कहते हैं कि सर्वे कराएंगे. जो लक्ष्य दिया गया उसकी प्राप्ति नहीं कर पा रहे हैं तो सर्वे किए बात का कराएंगे? पंचायत मंत्री ने जो जवाब दिया है, उससे यह साफ है कि सरकार हितग्राहियों को मकान नहीं देना चाहती. उन्हें भ्रमित करने का काम सरकार करती है. सरकार ने छत्तीसगढ़ के गरीबों को धोखा देने का काम किया है.

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