रायपुर। पुलिस थानों के अलावा इंटरनेट मीडिया पर भी एक्शन में रहती है। यही वजह है कि लोग घर बैठे रोज किसी न किसी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिए पुलिस से शिकायतें कर रहे हैं। पुलिस भी इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई कर रही है। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया के जरिए पुलिस को साल भर में 468 शिकायतें मिलीं, इनमें से 380 शिकायतों पर पुलिस ने कार्रवाई की है। शिकायत में लोगों ने घटना से संबंधित फोटो, वीडियो पुलिस को भेजे थे।

इस आधार पर पुलिस ने उन मामलों पर तत्काल एक्शन लिया और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की गई। आंकड़ों के मुताबिक पुलिस रोजाना एक शिकायत का निराकरण कर रही है। रायपुर एडिशनल एसपी, अभिषेक माहेश्वरी का कहना है कि निगरानी सेल लगातार इंटरनेट मीडिया पर निगरानी रखती है। भड़काऊ पोस्ट के अलावा अपराधिक पोस्टों पर नजर रखी जाती है। इसके लिए अलग से टीम काम करती है। पोस्ट करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है।

इंटरनेट मीडिया मानिटरिंग सेल है सक्रिय

इंटरनेट मीडिया में अपराधिक और भड़काऊ या कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाली पोस्ट करने वालों की निगरानी के लिए इंटरनेट मीडिया निगरानी सेल भी सक्रिय है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप आदि में फेक आइडी बनाकर आपत्तिजनक, अपराधिक पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सेल अब तक फेसबुक के 55, इंस्टाग्राम के 110, ट्विटर के दो फेक एकाउंट को बंद करवा चुकी है।

इस तरह की शिकायतें ज्यादा :

पुलिस को मिलने वाली शिकायतों में गुंडागर्दी, खुलेआम नशाखोरी, वाहन चलाते समय स्टंटबाजी, चाकू या कट्टा-पिस्टल जैसे हथियार दिखाकर धमकी देने, मारपीट करते हुए वीडियो बनाने, ट्रैफिक नियम तोड़ने जैसी शिकायतें ज्यादा हैं। लोगों ने ऐसी घटनाओं का वीडियो व फोटो पुलिस को भेजा था। इस आधार पर उन आरोपियों की पहचान करके कार्रवाई की गई। इसके अलावा निगरानी सेल धार्मिक पोस्ट पर नजर बनाए रखती है।

इन टूल किट से निगरानी :

इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए 25 से ज्यादा टूल किट्स और साफ्टवेयर हैं। इसमें टेलविंड, यूनियन मैट्रिक्स आडियंस कनेक्ट, सोशल मैशन, टाकवाकर खाडर सोशल, ब्रांडवाच की हाल, की वर्ड, डिजीमाइड आदि शामिल हैं।

इन बातों का दे रहे ध्यान साइबर :

यूनिट इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक पोस्ट, जातिगत पोस्ट, राजनीतिक पोस्ट और जनप्रतिनिधियों के नाम से अपलोड किए गए पोस्ट पर एक्शन ले रही है। पुलिस अधिकारियों ने इस तरह के पोस्ट को फारवर्ड करने और कमेंट करने पर भी एक्शन लिया जा रहा है।

एक्सपर्ट व्यू

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि निगरानी के लिए इंटरनेट मीडिया में कई टूल हैं, लेकिन पुलिस ज्यादातर सामान्य टूल का उपयोग करती है। इंटरनेट मीडिया में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला प्लेटफार्म फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम है, जिसका सबसे अधिक उपयोग होता है। इसकी निगरानी पुलिस हैशटैग और की वर्ड के माध्यम से करती है। किसी मैसेज को फैलाने के लिए संदेही की वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं की-वर्ड के सहारे वो शिकंजे में आते है।

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