रायपुर। कवर्धा के चर्चित विकास खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) दयाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दयाल सिंह को देर रात गिरफ्तार करने के बाद आज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने रिमांड पर जेल भेज दिया। दयाल सिंह पर अवर सचिव के फर्जी लेटर के जरिये बीईओ के पद पर ज्‍वाइनिंग का आरोप है।

बता दें कि इस चर्चित मामला को सबसे पहले एनपीजी न्‍यूज ने ही प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यह मामल सितंबर में सामने आया था, जिसे एनपीजी न्‍यूज ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। पूर्व में बोडला के प्रभारी बीईओ रहे दयाल सिंह कबीरधाम डीईओ वायडी साहू अवर सचिव के हस्‍ताक्षर से जारी एक आदेश दिया, जिसमें दयाल सिंह को प्रभारी बीईओ बोडला के पद पर पदस्‍थ करने का निर्देश था। इसमें यह भी बताया गया है कि दयाल सिंह का निलंबन समाप्‍त कर दिया गया है।

आदेश देखते हुए डीईओ ने दयाल सिंह को ज्‍वाइनिंग दे दिया, लेकिन अचानक उनकी नजर आदेश पर दर्ज तारीख पर पड़ी। आदेश पर 19 जुलाई 2024 की तारीख दर्ज थी। पुरान आदेश देखकर डीईओ साहू के होश उड़ गए। सूत्रों के अनुसार आनन-फानन में दयाल सिंह की ज्‍वाइनिंग को निरस्‍त करते हुए आदेश को सत्‍यापना के लिए डीपीआई को भेजा गया।

डीपीआई ने आर्डर को फर्जी बताया दिया था। इसके आधार पर दयाल सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस ममालें में दयाल सिंह लगातार फरार चल रहे थे। एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी और कोतवाली थाना प्रभारी उप निरीक्षक शांता लकड़ा की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाए और दयाल सिंह को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336(3), 338, 340(2) BNS के तहत सभी कार्यवाही की। पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने प्रशासनिक सिस्टम को धोखा देने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी।

एसपी धर्मेंद्र सिंह ने मामले की प्रभावी जांच के लिए अपनी पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस विभाग इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा ताकि सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश न रहे।

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