
PM मोदी का मालदीव में ऐतिहासिक स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय मालदीव दौरे (2025) पर पहुंचे, जहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खुद एयरपोर्ट पर उनका स्वागत कर एक नया संकेत दिया। यह दौरा इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि हालिया समय में दोनों देशों के बीच तनाव के हालात रहे हैं।
भारत-मालदीव के बीच हुआ ₹4,850 करोड़ का मेगा समझौता
भारत ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ का कर्ज देने की घोषणा की है, जिससे द्वीपीय देश में बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। इसके साथ-साथ कई प्रमुख परियोजनाओं और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

इन प्रमुख परियोजनाओं पर बनी सहमति
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हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयों का हस्तांतरण
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अड्डू शहर में सड़क और जल निकासी परियोजना का उद्घाटन
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6 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का लोकार्पण
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मालदीव को 72 वाहन और तकनीकी उपकरणों की सौगात
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भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते पर प्रारंभिक बातचीत
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भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ पर विशेष डाक टिकट का विमोचन
पीएम मोदी का संदेश: “समुद्र जितनी गहराई, इतिहास जितनी मजबूती”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में एक अहम भागीदार है। हमारे संबंधों की जड़ें प्राचीन इतिहास में हैं, और ये समुद्र की गहराई जैसे गहरे हैं।”
उन्होंने राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ पर आमंत्रण देने के लिए आभार जताया।
तनाव के बाद रिश्तों में आ रही नरमी
इस दौरे की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हाल ही में राष्ट्रपति मुइज्जू ने ‘India Out’ अभियान और भारतीय सेना की वापसी को लेकर विवाद खड़ा किया था। साथ ही, उनकी चीन यात्रा ने कूटनीतिक तनाव को और गहरा किया था।
‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का उदाहरण
PM मोदी की यह यात्रा दिखाती है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मालदीव को कूटनीतिक प्राथमिकता देना भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का जीवंत उदाहरण है।
