भिलाई [न्यूज़ टी 20] Pitru Paksha 2022 Schedule: पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पुरखों की आत्मा की शांति के लिए दान और तर्पण को धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से बेहद जरूरी बताया गया है. इस विशेष काम के लिए हर साल श्राद्ध पक्ष में कुछ विशेष आयोजन किये जाते हैं.
पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में लोग अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए उनका विधिवत श्राद्ध कर्म करते हैं. हर साल में एक बार पितृ पक्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्या तक रहते हैं. इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक रहेगा.
पितृ पक्ष का महत्व
गौरतलब है कि पितृ पक्ष के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से रोक होती है. इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कार और नए मकान या वाहन की खरीदारी नहीं की जाती है.
वहीं कुंडली में पितृ दोष को दूर करने के लिए भी पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इन दिनों पितरों को खुश करने और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं.
पिंडदान है जरूरी
पितृपक्ष में पुरखों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. पितृपक्ष में पिंडदान करने के लिए कुछ जगहें बहुत प्रसिद्ध हैं, इसमें ‘गया जी’ में किया गया पिंडदान का सबसे ज्यादा महत्व होता है.
पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोज कराने का भी विधान है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि जिन लोगों को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के बारे में जानकारी नहीं होती, ऐसे लोग अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं. आइए इस साल 2022 के पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का पूरा कार्यक्रम आपको बताते हैं.
इन तारीखों पर होगा श्राद्ध
10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
11 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध, आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा
12 सितंबर 2022- आश्विन, कृष्णा द्वितीया
13 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण तृतीया
14 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
15 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण पंचमी
16 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण षष्ठी
17 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण सप्तमी
18 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अष्टमी
19 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण नवमी
20 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण दशमी
21 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण एकादशी
22 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण द्वादशी
23 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
24 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी
25 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अमावस्या
पितृ पक्ष में कैसे करें पूजन
पितृ पक्ष के दिन कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. पितरों का श्राद्ध पितृ पक्ष की उसी तिथि को करना चाहिए, जिस दिन उनकी मृत्यु हुई थी। इस दिन स्नान करने के बाद पूजन स्थल पर बैठ कर अपने पितरों को याद करें. सात्विक भोजन का पितरों को भोग लगाएं. पिंड दान के भोग को गाय, कुत्ते, कौअे या चींटियों को खिला दें.
इन कार्यों को करने से बचें
इन दिनों में नए कपड़े खरीदने और पहनने से भी बचना चाहिए. वहीं पितृ पक्ष में प्याज, लहसुन या मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. नए घर में प्रवेश जैसे शुभ कार्यक्रम भी इन दिन नहीं करना चाहिए.