भिलाई [न्यूज़ टी 20] Petrol Diesel Rate Today: पेट्रोल और डीजल के दाम में 23 मार्च, बुधवार को भी बढ़ोतरी की गई है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में जहां 80 पैसे प्रति लीटर दाम बढ़ा है, वहीं मुंबई में 85 पैसे प्रति लीटर और चेन्नई में 75 पैसे प्रति लीटर का बोझ बढ़ा है।

अब दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 97.01 रुपए और डीजल की कीमत 88.27 रुपए हो गई है। मुबंई वासियों को एक लीटर पेट्रोल के लिए 111.67 रुपए और डीजल के लिए 95.85 रुपए चुकाने होंगे। वहीं चेन्नई में पेट्रोल 75 पैसे महंगा होकर 102.91 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।

डीजल की कीमत 92.95 रुपए है। कोलकाता वासियों को एक लीटर पेट्रोल के लिए 106.34 रुपए और एक लीटर डीजल के लिए 91.42 रुपए खर्च करना होंगे। इससे पहले 22 मार्च को पेट्रोल और डीजल 80 रुपए महंगा हुआ था। रसोई गैस के दाम भी 50 रुपए बढ़े थे।

रसोई गैस और डीजल-पेट्रोल मूल्यवृद्धि पर लाल हुआ विपक्ष

बढ़ती महंगाई के बीच रसोई गैस और डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाने पर विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद के भीतर और बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार हमला बोला। रसोई गैस सिलेंडर के मूल्य में 50 रुपए की बढ़ोतरी को महंगाई से परेशान आम जनता पर बड़ा बोझ करार देते हुए

विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों बढ़े दाम वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा किया और नारे लगाए। राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष ने विरोध में लोकसभा से वाकआउट किया। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही

विपक्षी दलों के सदस्य ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के मूल्य में 50 रुपए और डीजल-पेट्रोल के दाम में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए वेल में चले गए। कांग्रेस के शक्ति सिह गोहिल और टीएमसी की डोला सेन समेत कई सदस्यों के महंगाई के मुद्दे पर दिए गए कार्यस्थगन के नोटिस को सभापति वेंकैया नायडू ने नामंजूर कर दिया।

कांग्रेस का मोदी सरकार पर प्रहार

मूल्यवृद्धि के खिलाफ बयान जारी कर कांग्रेस ने कहा कि बीते आठ साल में मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर जनता से 26 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। दो साल पहले हुए लाकडाउन के बाद से उत्पाद शुल्क में बार-बार बढ़ोतरी कर मुनाफाखोरी की सारी सीमाओं को पार किया गया है।

यह तब किया गया जब कच्चे तेल की कीमतें पिछले आठ साल में यूपीए शासन की तुलना में काफी कम रही हैं। बयान में यह भी कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे कच्चे तेल के दौर में कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए ने लाखों करोड़ रुपए की राशि आम आदमी को राहत देने के लिए दी लेकिन भाजपा नीत राजग सरकार पूरा बोझ जनता पर डाल रही है।

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