रायपुर। शराब पीना शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है इसलिए हमेशा से ही शराब ना पीने की सलाह दी जाती है। शराब पीने के नुकसान को लेकर हमेशा से ही डॉक्टर्स आगाह भी करते रहे हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के एक गांव ने अपने बच्चों की शराब पीने की आदत से परेशान होकर गांव में शराबबंदी का फैसला किया है।
शराब पीने वाले पर जुर्माना
इस गांव को नशामुक्त बनाने के लिए और गांव में कड़ाई से नियमों के पालन के लिए जुर्माना भी लगाया है। ग्रामीणों ने एकमत होकर पंचायत में फैसला किया है कि गांव में कोई भी शराब बनाने और बेचते नजर आए तो उसपर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। शराब पीने वाले पर 5 हजार रुपए का जुर्माना है। शादी विवाह के कार्यक्रम में शराब पीने पर भी 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
सरपंच ने दिखाई हिम्मत
दरअसल, कोरबा (Korba) जिले के सलोरा गांव ने मिशाल पेश किया है। पंचायत में सरपंच की हिम्मत ने गांव में शराबियों की हालत टाइट कर दी है। कोई भी गांव में शराब नहीं पीता है न ही सरेआम अपशब्दों का प्रयोग करता है। महिलाओं का समूह रोजाना गांव में भ्रमण करता है। गांव की सरपंच महेश्वरी कंवर ने बताया कि गांव में अधिकांश पुरुष और बच्चे नशे के आदी हो चुके थे। इनकी आदत खराब हो रही थी। इसकी शिकायत महिलाएं बैठक में करती थीं। इस वजह से गांव को नशामुक्त बनाने का फैसला किया गया है।
60 से 70 महिलाएं जुटीं
महिलाओं ने अलग-अलग ग्रुप बनाकर मोहल्ले में घूम घूमकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। गांव में अधिकांश पुरुष और बच्चे नशे की लत में हैं लेकिन महिलाएं एकजुट हुईं हैं। उन्होंने शराबबंदी का फैसला किया और इसका कड़ाई से पालन कराने के लिए जुर्माना भी लगाया है। सरपंच महेश्वरी कंवर ने बताया कि समिति में 60 से 70 महिलाएं जुड़ी हैं।
जिले में पुलिस का अभियान
गौरतलब है कि कोरबा जिले में पुलिस की तरफ से नशा मुक्ति के लिए निजात अभियान चलाया जा रहा है। महिला समूह ने भी इसी अभियान से प्रेरित होकर गांव में शराबबंदी किया है। इसको लेकर कठघोरा पुलिस ने बताया कि अवैध रूप से शराब बनाने का काम किया जाता था। इसकी शिकायत मिली थी जिसके बाद महिलाओं को जागरूक किया गया था। पुलिस उन महिलाओं का सहयोग कर रही है। उन्होंने अभियान का कड़ाई से पालन करने के लिए जुर्माना राशि तय किया है। उनका ये कार्य सराहनीय है।