
रायपुर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ ने रविवार को मरीन ड्राइव के समीप बैठक आयोजित कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री से केंद्र के अनुरूप 5% डीआर एरियर सहित भुगतान की मांग की है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को भी यह लाभ पेंशनरों को देना चाहिए।
डीआर भुगतान में मध्यप्रदेश की सहमति का बहाना

महासंघ ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के आदेश के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार की सहमति न मिलने का हवाला देकर आदेश लंबित रखे हुए है, जबकि एमपी ने अपने पेंशनरों को बिना एरियर 3% डीआर जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ में अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।
बैठक में सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने जताई नाराज़गी
बैठक में महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी. के. वर्मा, महिला प्रकोष्ठ प्रमुख द्रौपदी यादव, राष्ट्रीय मंत्री रामनारायण ताटी, प्रदेश संगठन मंत्री टी. पी. सिंह सहित सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने सरकार की दोहरी नीति पर नाराज़गी जाहिर की। प्रतिनिधियों ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारियों को एरियर सहित डीआर दिया जा रहा है, जबकि राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को इससे वंचित रखा गया है।
पेंशनरों की मांग – मोदी गारंटी के तहत लागू हो केंद्र के समान डीआर
सभी प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से मांग की कि केंद्र सरकार की तरह जनवरी 2025 से 2% और जुलाई 2024 से 3% डीआर को एरियर सहित लागू किया जाए। यह मोदी सरकार की गारंटी का भी हिस्सा है, जिसे राज्य में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए।
सरकार की चुप्पी पर सवाल, जल्द आदेश जारी करने की मांग
महासंघ ने छत्तीसगढ़ सरकार से तत्काल संशोधित आदेश जारी कर पेंशनरों को राहत देने की अपील की है और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन की राह भी अपनाई जा सकती है।
