भिलाई [न्यूज़ टी 20] Paperless Branches in India: सभी बैंक के खाताधारकों के लिए बड़ी और जरूरी खबर आ रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दिए गए सुझाव को लागू करने के बाद सभी बैंकों का काम करने का तरीका बदल जाएगा. नया नियम लागू होने से बैंक कर्मचारियों के साथ ही बैंक के ग्राहक सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
जी हां, आरबीआई की तरफ से कहा गया है कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपनी ब्रांच में कागज के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने के साथ एटीएम पर ई-रसीद (E-Receipt of ATM) देने पर विचार कर सकते हैं.
व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से यह सुझाव बुधवार (27 जुलाई) को दिया गया. रिजर्व बैंक ने ‘जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त’ पर परिचर्चा पत्र में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर एक रणनीति तैयार करना चाहता है.
इसके लिए केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है. इस क्रम में सभी रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं (RE) के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे.
शाखाओं को ग्रीन ब्रांच में बदलने पर विचार
परिचर्चा पत्र में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. इसमें कहा गया, ‘बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार कर सकते हैं.’
हालांकि जानकारों का कहना है कि बैंकों के लिए यह बदलाव करना आसान नहीं होगा. इससे सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण क्षेत्र की ब्रांच में सामने आएगी. आरबीआई की तरफ से 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं.
इसके अनुसार, आरई ई-रसीदों को प्रोत्साहित करने के तरीकों और साधनों पर विचार कर सकते हैं. यह सुझाव भी दिया गया कि भारतीय बैंक संघ (RBA) जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर एक कार्यसमूह स्थापित कर सकता है.