इस्लामाबाद: पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज है लेकिन सैन्य सनक ऐसी है जो जाती ही नहीं। ये बात तो साफ हो चुकी है भरत की ओर से लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने हर तरह से पाकिस्तान की मदद की थी। अब एक बार फिर पाकिस्तान को तुर्किये की जी हुजूरी का इनाम मिला है। चलिए आपको बताते हैं कि हुआ क्या है।
पाकिस्तानी नौसेना को मिला तुर्किये में बना जहाज
पाकिस्तानी नौसेना को तुर्किये में बनाया गया दूसरा MILGEM क्लास का जहाज मिल गया है। यह जहाज दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एग्रीमेंट के तहत बनाया गया है। PNS खैबर की कमीशनिंग सेरेमनी इस्तांबुल नेवल शिपयार्ड में हुई। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ने एक बयान में बताया कि इस सेरेमनी में तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और पाकिस्तान के नेवल चीफ एडमिरल नवीद अशरफ शामिल हुए।
क्या बोले तुर्किये के राष्ट्रपति?
इस्तांबुल नौसेना शिपयार्ड कमांड में आयोजित जहाज के कमीशनिंग समारोह में PNS Khaibar आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को सौंप दिया गया। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान के साथ भाईचारे का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमारे साझा इतिहास गहरी जड़ें जमा चुका है और सदियों से परखी गई तुर्किये-पाकिस्तान दोस्ती, अल्लाह की इच्छा से, समय के अंत तक कायम रहेगी, फलेगी-फूलेगी और और भी मजबूत होगी।”
पाकिस्तान में बनेंगे 2 जहाज
MILGEM क्लास का जहाज पाकिस्तान नेवी का सबसे उन्नत सतही प्लेटफॉर्म हैं। ये जहाज आधुनिक हथियारों और एडवांस्ड सेंसर के साथ इंटीग्रेटेड लेटेस्ट कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से लैस हैं। ये जहाज एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, एयर डिफेंस और सर्फेस वॉरफेयर में सक्षम हैं। पाकिस्तान के लिए चार MILGEM क्लास जहाजों के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट 2018 में साइन किया गया था। डील के मुताबिक, 2 जहाज तुर्किये में और बाकी 2 पाकिस्तान में बनाए जाने थे। PNS खैबर की कमीशनिंग से तुर्किये में 2 जहाजों का निर्माण पूरा हो गया है।
राष्ट्रपति जरदारी और पीएम शरीफ ने जताई खुशी
तुर्किये से जहज मिलने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ फूले नहीं समा रहे हैं। जरदारी और शरीफ ने PNS Khaibar की कमीशनिंग पर पाकिस्तान नौसेना को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह जहाज पाकिस्तान की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा और देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार समेत समुद्री मार्गों की रक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।