Pakistan Crisis News: पाकिस्तान का आर्थिक संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है. देश लगभग कंगाल घोषित हो चुका है और आईएमएफ, विश्व बैंक सहित कई अंतराष्ट्रीय महत्वपूर्ण संस्थाओं ने कर्ज देने से इनकार कर दिया है. अगर समय रहते पाकिस्तान को आर्थिक मदद नहीं मिलती है तो ये देश दिवालिया भी हो सकता है. अब सबकी नजर भारत पर टिकी हैं कि, क्या श्रीलंका की तरह भारत अपने इस पड़ोसी मुल्क की आर्थिक मदद करेगा? तो, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे लेकर भारत का रुख स्पष्ट किया. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने पाकिस्तान के आर्थिक संकट और पड़ोसी देशों से रणनीति पर भारत का रुख स्पष्ट किया है.
मदद पर पाकिस्तान को खरी-खरी
एएनआई से चर्चा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान का भविष्य उसके कार्यों और विकल्पों पर निर्भर करता है. पड़ोसी देश को अपनी आर्थिक परेशानियों से बाहर निकलने का रास्ता खुद खोजना होगा. उंनसे पूछे जाने पर कि, क्या भारत, श्रीलंका की तरह पाकिस्तान की मदद करेगा? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि श्रीलंका और पाकिस्तान से भारत के संबंध बिल्कुल अलग तरह के हैं.
श्रीलंका को अरबों डॉलर की मदद
साल 2022 श्रीलंका के इतिहास का सबसे कठिन दौर रहा है. इस दौरान ये टापू देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था. जब विश्व के सभी देश और संगठनों ने श्रीलंका का साथ छोड़ा था तो भारत ने श्रीलंका को तब 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की थी. पिछले महीने भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन के लिए अपना समर्थन पत्र सौंपा था. यह पहला मौका नहीं था जब भारत ने श्रीलंका की मदद की थी. इससे पहले लिट्टे समूह के खात्मे के लिए श्रीलंका की मदद की थी.
श्रीलंका जैसा लगाव पाकिस्तान से नहीं
जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर मैं इसकी (पाकिस्तान) तुलना श्रीलंका से करूं, तो यह बहुत ही अलग संबंध है. श्रीलंका के साथ अभी भी इस देश में काफी अच्छी भावना जुड़ी हैं. स्वाभाविक रूप से हमें पड़ोसियों की चिंता भी है, लेकिन एक भावना यह भी है कि हमें इससे निपटने में उनकी मदद करनी होगी. वहीं, जयशंकर ने बताया कि कल को अगर किसी और पड़ोसी मुल्क को कुछ हो जाता है तो हम मदद से नहीं चूकेंगे, लेकिन देश में पाकिस्तान के प्रति क्या भावना है या पाकिस्तान का हमारे देश के प्रति क्या भावना रहा है, इसका भी तो खयाल करना होगा.