
दान से व्यापार तक: कैसे इंसानियत का चेहरा बदल गया
जहां पहले अंगदान को पुण्य का काम माना जाता था, वहीं आज यह एक अरबों का अवैध कारोबार बन चुका है। अब इंसान की मौत के बाद उसका शरीर किसी जरूरतमंद को जीवनदान देने की बजाय, ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा है।
ब्लैक मार्केट में क्या-क्या बिकता है? जानिए इंसानी अंगों की कीमत
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❤️ दिल (Heart): ₹8 करोड़ से अधिक
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🧠 लीवर (Liver): ₹4.5 करोड़
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🩺 किडनी (Kidney): ₹2 करोड़
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🌬️ फेफड़े (Lungs): ₹1–2 करोड़
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🦴 बोन मैरो (Bone Marrow): ₹15 लाख
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🩸 खून (Blood): ₹20,000 प्रति यूनिट
एक डेड बॉडी की अनुमानित कीमत अगर सभी अंग बेचे जाएं तो ₹100 करोड़ से भी ज़्यादा हो सकती है।

हर घंटे बिकती है एक किडनी: द गार्जियन रिपोर्ट का खुलासा
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, हर घंटे एक किडनी अवैध रूप से बेची जाती है। इस कारोबार में दलाल गरीबों को लालच देकर अंग निकलवाते हैं। उन्हें पैसे का एक छोटा हिस्सा मिलता है और सेहत भी खराब हो जाती है।
UN और WHO के चौंकाने वाले आंकड़े
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UNODC के अनुसार यह गैरकानूनी व्यापार हर साल $840 मिलियन से $1.7 बिलियन (₹14,000 करोड़) का कारोबार करता है।
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WHO के मुताबिक हर साल 10,000 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट होते हैं।
ये आंकड़े दिखाते हैं कि यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि एक ग्लोबल संकट है।
सोशल मीडिया बना अपराधियों का नया अड्डा
Facebook और WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी ग्रुप बनाकर लोग अंगों की अवैध खरीद-बिक्री करते हैं। नौकरी या इलाज का झांसा देकर लोगों को फंसाया जाता है, और कई बार तो उनकी हत्या तक कर दी जाती है।
गंभीर वैश्विक समस्या, ज़रूरी है सख्त कानून और जागरूकता
इस गंभीर संकट से निपटने के लिए ज़रूरी है कि:
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अंतरराष्ट्रीय कानूनों को और सख्त किया जाए
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अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए
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गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो
