रायपुर:
प्रदेश के लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जयसवाल आज गरियाबंद जिले के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गरियाबंद के कोविड अस्पताल में बनाये गये जिले के किड़नी पीड़ित मरीजों के लिए 10 बिस्तर के डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया। उन्होंने डायलिसिस करा रहे भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली तथा चिकित्सकों को बेहतर उपचार करने के निर्देश दिये।
इसके उपरांत उन्होंने कोविड अस्पताल में बनाये गये प्रयोगशाला कक्ष सहित अन्य वार्डो का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर उन्होंने यहां जिले के किड़नी पीड़ित मरीजों को लाने ले जाने के लिए सर्व सुविधायुक्त तीन एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने जिले के दूरस्थ अंचल में बसे ग्राम सुपेबेड़ा के उपस्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उप स्वास्थ्य केन्द्र के समीप निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्र को आठ माह के भीतर सर्व सुविधायुक्त बनाने के निर्देश दिये। जायसवाल ने सुपेबेड़ा के मरीजों के लिए एक एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि सुपेबेड़ा में दो नए डायलिसिस केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही ग्रामीणों के पेयजल के लिए आर.ओ. वाटर लगाये जाएंगे। इसके अलावा तेल नदी से पानी की सप्लाई कर उसे फिल्टर प्लांट के माध्यम से शुद्धिकरण कर गांव में प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने सुपेबेड़ा किड़नी पीड़ित मरीज प्रेमजय छत्रपाल के घर पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस दौरान छत्रपाल ने बताया कि उन्हें तीन वर्ष से घर पर ही डायलिसिस की सुविधा चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। इस दौरान मंत्री जायसवाल ने परिवार की शासन प्रशासन से हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने सुपेबेड़ा में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए गरियाबंद और देवभोग में लैब स्थापना की जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि सुपेबेड़ा एवं आसपास के सात गांव के किडनी पीड़ित मरीजों के लिए निःशुल्क जांच, उपचार एवं दवाई दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि आगामी 6 माह में सुपेबेड़ा में दो डायलिसिस सेंटर शुरू किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने गरियाबंद जिले के लिए पांच चिकित्सकों एवं दो नेफ्रोलॉजिस्ट चिकित्सकों की जारी नियुक्ति आदेश के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि किडनी बीमारी के अनुसंधान के लिए गरियाबंद में सप्ताह में दो बार तथा सुपेबेड़ा एवं देवभोग में माह में दो दिन विशेषज्ञ चिकित्सक आयेंगे।
उन्होंने कहा की जिले में किडनी बीमारी की जांच के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जाएगा। जिससे बीमारी की सूक्ष्म जांच कर उनका इलाज किया जा सके।
ग्रामीणों के जेनेटिक जांच के आधार बीमारी की जांच की जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने देवभोग पहुंचकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित डायलिलिस युनिट का शुभांरभ किया और भर्ती मरीजों का हालचाल पूछा।