उदयपुर : अप्रैल माह में पड़ रही चिलचिलाती धूप में घर से बाहर निकलना भी इन दिनों मुश्किल होता जा रहा है. वहीं विश्व के कल्याण के लिए एक संत कड़ी दोपहरी में तपस्या कर रहे हैं. उदयपुर में झाड़ोल उपखंड के खाखड़ गांव के पास गोपेश्वर महादेव मंदिर है, जिसके नजदीक एक संत भरी दोपहरी में रोजाना तीन घंटे की कड़ी तपस्या कर रहे हैं. हालांकि कलयुग में संतों की तपस्या के किस्से काफी कम देखें और सुने जाते हैं. ऐसे में संत की यह तपस्या लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

15 दिनों से कर रहे हैं कड़ी धूप में तपस्या

आश्रम में संत तुलसीगिरि महाराज 15 दिनों से सप्तगिनी धूनी तपस्या कर रहे हैं. इस तपस्या में वह रोजाना दोपहर बारह से तीन बजे तक कड़कती धूप के बीच में खुले में बैठकर तपस्या करते हैं. इस दौरान उनके चारों तरफ सात अग्नि कुंड जलते रहते हैं, जिसमें वह विभिन्न औषधियों की आहुतियां भी देते हैं. भोलेनाथ से सृष्टि के कल्याण के लिए यह तपस्या की जा रही है.

सवा महीने तक चलेगी तपस्या

पंडित गोविंद शास्त्री संत की सेवा में लगे हैं. बताया कि लगातार सवा महीने तक तपस्या के बाद तीन दिन तक भव्य भंडारा आयोजित किया जाएगा. साथ ही अखंड रामायण सहित अन्य कई अनुष्ठान भी होंगे. इस दौरान दूर-दूर से कई संत भी भाग लेंगे. इधर, संत की तपस्या देखने के लिए और दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है. संत तुलसीगिरि महाराज ने 11 जनवरी से मौन व्रत धारण किया है, जो अनवरत जारी है. पहली बार इस तरीके की तपस्या की जा रही है. तपस्या के पूरा होने के बाद ही महाराज अपना मौन व्रत भी तोडेंगे.

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