उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में काली बिल्ली काला साया के बाद रहस्यमयी बौना नाग की चर्चा ने सभी को हैरत में डाल दिया है. रहस्यमयी बौना नाग एक युवती की जान का दुश्मन बनकर उसके पीछे ऐसा पड़ा कि उसे एक नहीं दो नहीं… तीन नहीं… बल्कि तकरीबन 11 बार अपना शिकार बना लिया. ये घटना उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के चरखारी तहसील क्षेत्र के पंचमपुरा गांव की है.

इलाके में हर कोई रहस्यमयी ‘बौना नाग’ की चर्चा कर रहा है. गांव की 19 वर्षीय युवती रोशनी अहिरवार और उसके परिवार का दावा है कि यह सांप पिछले पांच वर्षों में उसे 11 बार डस चुका है. इस अनोखी और डरावनी घटना ने न केवल गांव में सनसनी मचाई है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों का ध्यान खींचा है.

क्या है पूरा मामला?

रोशनी के पिता दलपत अहिरवार ने बताया कि 2019 में रोशनी खेत में काम कर रही थी, तभी गलती से उसने एक सांप की पूंछ पर पैर रख दिया. उसी समय सांप ने उसे डस लिया. अस्पताल में इलाज के बाद रोशनी की जान तो बच गई, लेकिन उसके बाद से यह सांप, जिसे परिवार ‘बौना काला नाग’ कह रहा है, उसकी जान का दुश्मन बन गया.

इलाज के दौरान भी हमला

परिवार का दावा है कि यह सांप जहां भी रोशनी जाती है, वहां पहुंच जाता है और उसे डसने की कोशिश करता है. पांच साल में इस सांप ने 11 बार उसे डसा है. परिजनों के अनुसार, सांप ने यहां तक कि अस्पताल में इलाज के दौरान भी रोशनी को अपना शिकार बनाया.

विज्ञान और झाड़-फूंक दोनों का सहारा

परिजन इस रहस्यमयी सांप से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. वे झाड़-फूंक से लेकर आधुनिक चिकित्सा तक का सहारा ले चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका. परिवार अब भी इस सांप के खौफ में जी रहा है.

डॉक्टरों का क्या कहना है?

जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. प्रेम ने इस मामले को पूरी तरह से अंधविश्वास करार दिया है. उन्होंने कहा, “यह संभव नहीं है कि कोई सांप किसी को 11 बार डसे और वह व्यक्ति जीवित रहे. इस तरह की घटनाएं मानसिक विकार का परिणाम हो सकती हैं. रोशनी को मानसिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ के पास लाकर उचित परीक्षण और इलाज कराना जरूरी है.” डॉ. प्रेम ने परिवार को सुझाव दिया कि वे झाड़-फूंक जैसी विधियों पर विश्वास करने के बजाय युवती को चिकित्सीय मदद दिलाएं.

समाज में जागरूकता की जरूरत

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण बढ़ते हैं. डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी भ्रामक कहानियों पर विश्वास करने से बचें और वैज्ञानिक सोच अपनाएं.

ग्रामीणों में दहशत

हालांकि, गांव के लोग इस घटना को लेकर काफी दहशत में हैं. उनका कहना है कि रोशनी के साथ जो हो रहा है, वह उनकी समझ से परे है. वहीं, परिवार हर तरह से इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश में जुटा हुआ है.

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