
पूर्व विधायक मेवाराम जैन की घर वापसी से गरमाई राजनीति
बाड़मेर। राजस्थान की सीमांत राजनीति में इन दिनों कांग्रेस अंदरूनी उथल-पुथल से गुजर रही है। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में घर वापसी ने संगठन के भीतर ही विरोध की लहर खड़ी कर दी है।
कार्यकर्ताओं ने लगाया आपत्तिजनक पोस्टर
जैन की एंट्री से पहले ही शहरभर में न्यूड और आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए। पोस्टरों में “बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं” जैसे नारे और जिला कांग्रेस का नाम तक इस्तेमाल किया गया। इस घटना ने संगठन की अनुशासनहीनता और एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए।

हरीश चौधरी गुट की सियासी हार?
जैन की वापसी का सबसे ज्यादा विरोध कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी गुट की ओर से हुआ। मगर अब यह विरोध बेअसर होता दिख रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह घटनाक्रम चौधरी गुट की बड़ी हार मानी जा रही है।
👉 हरीश चौधरी के लिए यह समय “करो या मरो” जैसा बन चुका है। उनकी सियासी पकड़ कमजोर पड़ती नजर आ रही है।
पोस्टरबाज़ी से कांग्रेस की छवि धूमिल
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की पोस्टरबाज़ी से पार्टी की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा है। जनता इस तरह के हथकंडों को पहले ही नकार चुकी है। विरोधियों को भी इससे कोई बड़ा राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना नहीं है।
आने वाले दिनों में और तेज़ होगी खींचतान
बाड़मेर कांग्रेस में यह विवाद आगे और गहराएगा। पार्टी के भीतर का संघर्ष राज्य की राजनीति में भी गूंज सकता है। मेवाराम जैन की वापसी से जहां उनके समर्थक उत्साहित हैं, वहीं विरोधी गुट अपनी सियासी जमीन बचाने की जद्दोजहद में जुट गया है।
