नई दिल्ली. 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके गेहूं के दाम (Wheat Rate) अब गिर सकते हैं. गेहूं के भाव पर लगाम लगाने को सरकार अब गंभीर हो गई है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) बंद होने के बाद सरकार अब खुले बाजार में गेहूं बेचने की तैयारी कर रही है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) जल्द ही खुले बाजार में गेहूं बेचने की घोषणा कर सकता है. बीते 4 महीने में 4 रुपये प्रति किलोग्राम तक दाम बढ़े है. वहीं, आटा सालभर में 17-20 फीसदी तक आटा महंगा हो चुका है.
दिल्ली की मंडियों में गेहूं की कीमतें (Wheat Rate Delhi) रिकॉर्ड हाई 2915 के स्तर पर पहुंची. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर गेहूं की कीमतों पर हुआ है. जंग की वजह से डिमांड और सप्लाई पर असर हुआ है, क्योंकि रूस और यूक्रेन में गेहूं बड़ी मात्रा में पैदा होता है और वहां से गेहूं निर्यात बहुत कम हो रहा है. भारत सरकार ने इस साल मई में गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी.
सरकार बेचेगी 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं
सरकार 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में बेच सकती है. FCI छोटे व्यापारियों को Rs 2250 प्रति क्विंटल गेहूं बेच सकता है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बंद होने के बाद सरकार के पास विकल्प खुले है. 1 अप्रैल तक सरकार के पास 113 लाख टन गेहूं होगा. मौजूदा नियमों के मुताबिक सरकार को 74 लाख टन गेहूं की जरूरत होगी. 1 जनवरी को सरकार को बफर स्टॉक के लिए 138 लाख टन की जरूरत होगी. 1 जनवरी को सरकार के पास बफर स्टॉक से 21 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं होगा.
PMGKY बंद होने से बचा गेहूं
सरकार 2020 से ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत गरीबों को 5 किलो अतिरिक्त अनाज दे रही थी. अब सरकार ने प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना को अब नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) में मर्ज कर दिया गया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना गरीब परिवारों के लिए लाई गई थी. इसलिए गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले लोग ही इसका लाभ उठा सकते थे. अब सरकार NFSA के तहत एपीएल और बीपीएल परिवारों को गेहूं 3 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल को 2 रुपये प्रति किलोग्राम देगी. पीएमजीकेवाई योजना बंद होने से सरकार के पास अब ज्यादा अनाज होगा. इसे वह बाजार में बेचकर गेहूं के बढ़ते दामों पर लगाम लगा सकती है.