रायपुर. छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्यकार शिवशंकर शुक्ल के परिजन द्वारा पैसे जमा करने में देरी करने पर NH एमएमआई हॉस्पिटल प्रबंधन ने इलाज करने से मना कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण अनुमति की जानकारी प्रबंधन को नहीं मिली और दो दिनों तक परिजनों से बुरा बर्ताव किया गया, फिर सोमवार को सुबह इलाज करने से ही मना कर दिया गया.

इस मामले में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की नोडल एजेंसी द्वारा को-ऑर्डिनेशन में खामी का भी मामला सामने आया है. शनिवार को अनुमति मिलने के बाद सूचना देने में दो दिन लगा दिए. इसका खामियाजा परिजन को भुगतना पड़ा. जानकारी के मुताबिक जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्यकार शिवशंकर शुक्ल को कुछ दिनों पहले राजधानी रायपुर में पचपेड़ी नाका स्थित NH एमएमआई हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था.

जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि शायद गिरने की वजह से खून जम गया है और सर्जरी करानी होगी. परिजनों ने करीब ढाई लाख रुपए जमा कराए और सर्जरी की स्वीकृति दे दी. इस बीच हॉस्पिटल की बकाया राशि चार लाख पहुंच गई तो उन्होंने परिजन पर दबाव बनाना शुरू किया. परिजनों की ओर से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के लिए आवेदन किया गया.

इससे पहले एमएमआई प्रबंधन द्वारा जरूरी जांच रिपोर्ट व फाइल बनाकर देने में देरी की गई. सीएम हाउस और पुराने हेल्थ डायरेक्ट्रेट स्थित नोडल एजेंसी में आवेदन जमा किया गया. इसकी सूचना एमएमआई प्रबंधन को दी गई. इसके बावजूद एमएमआई प्रबंधन द्वारा शनिवार को पहले पैसे के लिए दबाव बनाया गया. इसके बाद रविवार को दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए दबाव बनाया गया. परिजन ने उनसे मोहलत मांगी तो प्रबंधन के लोग बदसलूकी करने से नहीं चूके.

हद तो तब हो गई, जब सोमवार को सुबह इलाज करने से ही मना कर दिया गया. इस मसले पर जब राज्य नोडल अधिकारी डॉ. विमल सोनवानी से बात की गई तो उनका कहना था कि शनिवार को ही फाइल अप्रूव हो चुकी थी. रविवार होने के कारण देर हुई, लेकिन सोमवार को सुबह उनकी ओर से अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी गई थी. डॉ. सोनवानी का कहना है कि इलाज रोकने जैसी स्थिति नहीं बनी है. इस मामले में हेल्थ डायरेक्टर भीम सिंह को भी सूचना दी गई है.

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