रायपुर|News T20: राजमार्ग और परिवहन के विकास की बात होती है तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम खुद ब खुद आगे आ जाता है। अब गडकरी ने एक और बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि आने वाले समय में छोटी दूरी की यात्रा तय करने के लिए शहरों में पैसेंजर ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

इन ड्रोन में चार लोग तक यात्रा कर सकेंगे। विशेष रूप से यह सुविधा सिटी सेंटर से एयरपोर्ट तक के लिए उपलब्ध होगी।

गडकरी ने एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस रिपेयर ऐंड ओवरहॉल डिपो के एक कार्यक्रम में बात करते हुए यातायात के क्षेत्र में बड़े बदलाव की ओर इशारा करते हुए पैसेंजर ड्रोन का विचार रखा। उन्होंने एमआरओ सेक्टर की ग्रोथ को लकर कहा कि यह भविष्य के लिए बेहद भरोसेमंद उद्योग है। 2013 से ही विंग डिजाइन में हो रहे परिवर्तन पैसेंजर ड्रोन का रास्ता बना रहे हैं। फ्लैपिंग विंग प्रप्शन सिस्टम भी इस बात की उम्मीद जता रहा है कि आने वाले समय में पैसेंजर ड्रोन का सपना साकार होने वाला है।

बता दें कि इस समय ज्यादातर कॉमर्शल ड्रोन पैकेज डिलिवरी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनकी एक सीमित क्षमता होती है। अब इस तरह के ड्रोन बनने लगे हैं जो कि इंसानों को भी ले जा सकते हैं। हालांकि मार्केट में इनकी उपलब्धता नहीं है। जानकारों का कहना है कि पैसेंजर ड्रोन का इस्तेमाल छोटी यात्रा या फिर आपकालीन यात्रा के लिए किया जा सकता है। यह सपना 2026 तक साकार हो सकता है।

बता दें कि इस समय ज्यादातर कॉमर्शल ड्रोन पैकेज डिलिवरी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनकी एक सीमित क्षमता होती है। अब इस तरह के ड्रोन बनने लगे हैं जो कि इंसानों को भी ले जा सकते हैं। हालांकि मार्केट में इनकी उपलब्धता नहीं है। जानकारों का कहना है कि पैसेंजर ड्रोन का इस्तेमाल छोटी यात्रा या फिर आपकालीन यात्रा के लिए किया जा सकता है। यह सपना 2026 तक साकार हो सकता है।

गन्ने से बनेगा विमानों का फ्यूल

नितिन गडकरी ने बायोफ्यूल की बात करते हुए कहा कि शुगर फैक्ट्री में रिसर्च चल रही है कि किस तरह से विमानों के लिए बायोफ्यूल तैयार किया जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही चावल से भी एविएशन बायोफ्यूल बनाया जाएगा। इस तरह से ना केवल धान के किसानों को फायदा होगा बल्कि महाराष्ट्र के कई इलाकों का भी भला होगा। उन्होंने कहा कि 2026 तक बायो एविएशन फ्यूल का भी इस्तेमाल शुरू हो सकता है।

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