रायपुर। वॉल्टर चुक्वेबुका लुईस, ये नाम है एक नाईजीरियन बदमाश का। इसने डॉलर में कमाने का सपना दिखाकर रायपुर के एक शिक्षक को झांसे में ले लिया। इसने शिक्षक को तो पहले फोन पर एक स्कीम बताई, उस स्कीम का ग्राहक बनकर शिक्षक से मिला और 20 लाख ठग लिए। शिक्षक को लगा कि वो विदेशियों के साथ बिजनेस पार्टनर बन चुका है, मगर ये ठग उनकी जेब खाली करने में लगा रहा।

रायपुर पुलिस ने दिल्ली में छापा मारकर वॉल्टर चुक्वेबुका लुईस को पकड़ा है। जालसाज नाइजीरियन भारत एजुकेशन वीजा लेकर आया है। पढ़ाई के बहाने उसने ऑनलाइन ठगी शुरू कर दी। उसने अपने गैंग में महिलाओं को शामिल किया है। उन्हीं के माध्यम से वह लोगों को झांसे में लेने के लिए कॉल करवाता है। शुरुआती जांच में पता चला है कि उसका वीजा खत्म हो गया है। उसके बाद भी वह अपने देश नहीं लौटा।

शिक्षक को ऐसे फंसाया

सड्‌डू के शिक्षक से जालसाज ने सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में फ्लूडराबिन नाम की दवा के बिजनेस के बारे में बताया। ठग ने कुछ लड़कियों से भी शिक्षक को कॉल करवाए। बातों में आकर शिक्षक दिल्ली गए, वहां उन्होंने नताशा नाम की युवती से मिलकर 63 हजार दिए। ये रुपए काम करने के लिए मांगे गए, बदले में लड़की ने शिक्षक को एक बोतल दी और कहा कि इसमें कैंसर की दवा है।

फिर शिक्षक को एक और फोन आया कॉलर ने खुद को डॉ. वॉल्टर बताया, ये नाईजीरियन ठग था। शिक्षक इससे मिले तो लगा कोई विदेशी डॉक्टर है। ठग ने कह दिया कि ये प्रोडक्ट अच्छा है हमें 50 लीटर और दवा चाहिए। शिक्षक ने वही दवा खरीदने ठग को अलग-अलग खातों में 20 लाख दिए। शिक्षक को लगा कि ये दवा बेचकर वो 20 रुपए का मुनाफा डॉलर में कमांएगे मगर ग्राहक बनकर मिला ठग आरोपी नाईजीरियन ही था। उसी ने शिक्षक से 20 लाख भी ले लिए थे।

पुलिस ने बताया कि वाल्टर गिरोह चलाता है। उसने दिल्ली की कुछ महिलाओं को रखा है, जो लोगों को फंसाने के लिए फोन करती हैं। आरोपी ने किराए पर बैंक के खाते भी लिए हैं, जिसमें ठगी का पैसा जमा होता है। आरोपी के घर से 12 मोबाइल, 7 सिम और 6 हजार रुपए जब्त किया गया है। उसने ठगी का पैसा नाइजीरिया ट्रांसफर कर दिया है। उसके खाते में भी पैसा नहीं है।

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