उसने कहा कि भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को मार दिया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोपाल ने बताया कि वह केवल 6 इंच की दूरी से मंत्री के सीने पर गोली मारकर भागना चाहता था। उसने भीड़ पर अपनी सर्विस पिस्टल तान दी और हवा में दो बार ब्लैंक फायरिंग की। कुछ पुलिस कर्मियों ने उस पर काबू पा लिया।
पुलिस पूछताछ में हत्या करने की बात कबूल करते हुए आरोपी गोपाल कृष्ण दास ने बताया कि झारसुगुडा का माहौल मंत्री खराब कर रहे थे। मंत्री की दबंगई से खुद इलाके के पुलिसवाले भी घबराते थे। ऐसे में उसे लगता था कि जब तक वो मंत्री की जान नहीं लेगा, तब तक झारसुगुडा के लोग चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। इसलिए उसने मंत्री की हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस अभी इस मामले में आरोपी से और भी पूछताछ कर रही है।
जांच के दौरान यह भी बात सामने आई है कि क्या गोपाल ने हत्यारे को भाड़े पर लेने की योजना बनाई थी या उसने अपने किसी परिचित के साथ अपनी योजना साझा की थी। जानकारों ने कहा कि गोपाल ने शुरुआत में एक पेशेवर हत्यारे से मंत्री की हत्या कराने की योजना बनाई थी। बाद में, उन्होंने सोचा कि योजना विफल हो सकती है क्योंकि नव किशोर दास हमेशा अपने समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों से घिरे रहते थे।