भिलाई [न्यूज़ टी 20] Nag Panchami 2022 : सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है और इस दिन नाग देवता का पूजन किया जाता है.
इस दिन सांपों को दुध अर्पित किया जाता हैं. महिलाएं इस दिन अपने परिवारजनों के लिए पूजा करती हैं. सनातन धर्म में सर्पों को एक विशेष स्थान प्राप्त है. नाग देवताओं की पूजा के लिए कुछ दिनों को काफी शुभ माना जाता है जिसमें से एक श्रावण मास की पंचमी तिथि है.
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
नाग पञ्चमी मंगलवार, अगस्त 2, 2022 को
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त -सुबह 06 बजकर 05 से 08 बजकर 41 मिनट तक
अवधि – 02 घण्टे 36 मिनट्स
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 02, 2022 को सुबह 05 बजकर 13 मिनट से शुरू
पञ्चमी तिथि समाप्त – अगस्त 03, 2022 को सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर खत्म
नाग पञ्चमी पूजा मन्त्र
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
अर्थ- इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएं, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं.
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्.
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्.
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः.
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
अर्थ- नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं. अगर रोजाना सुबह नियमित रूप से इनका जप किया जाए, तो नाग देवता आपको सभी पापों से सुरक्षित रखेंगे और आपको जीवन में विजयी बनायेंगे. (Nag Panchami 2022)
नाग पंचमी के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल
माना जाता है कि नाग पचंमी के दिन व्रत रखना चाहिए. इस दिन नाग देवताओं की पूजा करनी चाहिए, उन्हें जल चढ़ाना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
नाग पंचमी के दिन उस जमीन को बिल्कुल भी नहीं खोदना चाहिए जहां सांपों का बिल हो. ना ही इस दिन सांप को मारना चाहिए. अगर आपको कहीं सांप दिख जाता है तो उसे जाने दें.
नाग पंचमी के दिन सुई धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और ना ही इस दिन लोहे के बर्तन में खाना बनाना चाहिए.
अगर कुंडली में राहु और केतु भारी हैं तो इस दिन सांपों की पूजा जरूर करें. ध्यान रहें कि इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाते समय पीतल के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए.