
समंदर किनारे मरी मिलीं 26 ओर्का व्हेल, दुनिया में तीसरी बार हुआ ऐसा मामला
अर्जेंटीना के दक्षिणी तट पर एक रहस्यमय समुद्री घटना ने वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं।
सैन सेबेस्टियन खाड़ी (San Sebastián Bay) में 26 किलर व्हेल (Orca Whales) एक साथ मृत पाई गईं।
इतनी बड़ी संख्या में ओर्का व्हेल की लाशें एक साथ मिलना दुनिया में केवल तीसरी बार हुआ है।
विशेष बात यह है कि यह सभी व्हेल ‘इकोटाइप डी (Ecotype D)’ प्रजाति की हैं, जो बेहद दुर्लभ मानी जाती है।
पहले दो शव मिले, फिर जांच में मिला पूरा झुंड – वैज्ञानिकों की टीम भी दंग
नेशनल साइंटिफिक एंड टेक्निकल रिसर्च काउंसिल (CONICET) और साउदर्न सेंटर फॉर साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन (CADIC) की टीम को शुरुआत में सिर्फ दो शव दिखाई दिए थे।
लेकिन जब उन्होंने आस-पास के इलाकों की गहन जांच की, तो 24 और शवों का भयावह नजारा सामने आया।
ऑटोप्सी रिपोर्ट के शुरुआती नतीजों में किसी जहाज से टकराने, मछली पकड़ने के जाल में फंसने या चोट लगने के निशान नहीं मिले — जिससे रहस्य और गहरा गया है।

दुर्लभ ‘इकोटाइप डी’ प्रजाति – पहली बार इस तट पर मिली इतने बड़े समूह में
इन मृत व्हेलों का संबंध ‘इकोटाइप डी’ (Ecotype D) समूह से है,
जो अपनी गोलाकार सिर, आंखों के पास छोटे धब्बे और पीछे झुके पृष्ठीय पंख (Swept-back dorsal fins) के कारण पहचाने जाते हैं।
वैज्ञानिक मोनिका टोरेस ने बताया,
“हमने पिछले 10 वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में ओर्का को एक साथ फंसा हुआ कभी नहीं देखा।”
क्या ज्वार-भाटा बना मौत की वजह? उठे सवाल और शंकाएं
एक संभावित वैज्ञानिक कारण यह बताया जा रहा है कि
सैन सेबेस्टियन बे में ज्वार-भाटा का स्तर लगभग 56 फीट तक बदलता है।
संभावना है कि व्हेल ऊंचे ज्वार के समय तट के पास आ गई हों और अचानक भाटा उतरने पर गहरे पानी में वापस न जा सकीं।
इस वजह से पूरा समूह फंस गया और ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया।
दुनिया में तीसरी बार दर्ज हुई ऐसी सामूहिक मौत
1️⃣ 1955, न्यूजीलैंड: 17 ओर्का मृत मिलीं
2️⃣ 2020, चिली: 9 ओर्का की लाशें मिलीं
3️⃣ 2025, अर्जेंटीना: 26 ओर्का एक साथ मृत पाई गईं
यह अब तक की सबसे बड़ी और रहस्यमय समुद्री त्रासदी मानी जा रही है।
अब ऊतक और अंगों के सैंपल से खोजा जाएगा जवाब
वैज्ञानिक टीम अब व्हेल के ऊतक (tissue) और आंतरिक अंगों के सैंपल लेकर जांच कर रही है।
इससे यह पता लगाया जाएगा कि क्या इनकी मौत किसी वायरल संक्रमण, प्रदूषण, या समुद्री सोनार सिग्नल्स के कारण हुई।
परिणाम आने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।
समुद्री जीवन के लिए खतरे की घंटी?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना जलवायु परिवर्तन और महासागरीय असंतुलन की गंभीर चेतावनी हो सकती है।
समुद्रों में ध्वनि प्रदूषण, प्लास्टिक वेस्ट और बढ़ते तापमान का असर समुद्री जीवों के नेविगेशन और संचार पर पड़ रहा है।
