पुलिस ने जांच कर रही थी कि इसी बीच प्रभात भोई का छोटा बेटा अमित अपने चाचा पंचानन के पास पहुंचा। वहां पता चला कि माता-पिता गुम हैं और बड़े भाई ने एफआईआर कराई है। इस पर अगले दिन अमित अपने चाचा को लेकर घर पहुंचा। वहां उदित नहीं था। अमित बाड़ी की ओर गया तो वहां जलाने के निशान, राख और हड्डी के टुकडे़ पड़े मिले। अमित ने पूरे घर को चेक किया तो दीवार पर खून के छींटे, बाथरूम में खून के धब्बे, बाड़ी गड्ढे में राख का ढेर था। यह सब देखकर अमित ने थाने में सूचना दी।
छोटे भाई की सूचना पर पुलिस ने घर पहुंच शुरू की जांच –
पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। वहां पुलिस को बताए अनुसार, जले हुए निशान, राख के ढेर में हड्डी और घर में खून के निशान मिले। इसके बाद अफसरों को सूचना दी गई और साइबर सेल के साथ मिलकर विशेष टीम का गठन किया गया। सरायपाली से फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम को बुलाया गया। इसके साथ ही कार्यपालक मजिस्ट्रेट, डॉग स्क्वॉड और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच गए। मौके से साक्ष्य एकत्र किए गए और उन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया।
संदेह के आधार पर बड़े बेटे को पकड़ा तो खुला राज –
वहीं दूसरी ओर पुलिस टीम ने हत्या की आशंका से जांच आगे बढ़ाई और पूछताछ शुरू की। पुलिस को पता चला कि बड़ा बेटा उदित नशे का आदी है। अनुकंपा नियुक्ति और पैसे की बात को लेकर आए दिन वह माता-पिता और दादी से झगड़ा करता रहता था। इस पर पुलिस ने उदित को हिरासत में ले लिया। खून और हड्डियों के बारे में पूछताछ में पहले तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन कड़ाई करने पर वह टूट गया। उसने पैसों के लिए अपने माता-पिता और दादी की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
इस तरह से आरोपी ने तीनों की हत्या की –
पुलिस पूछताछ में उदित ने बताया कि सात मई की सुबह उसका रुपये को लेकर पिता से झगड़ा हुआ था। इसके बाद वह नाराज होकर अपने कमरे में सो गया। रात करीब दो-तीन बजे के बीच उठा और कमरे में जाकर देखा तो माता-पिता और दादी सो रहे थे। इस पर आरोपी ने अपने पास रखे हॉकी स्टिक से तीनों पर हमला कर दिया और सिर पर वार कर उनकी जान ले ली। तीनों के शव को बाड़ी में बने बाथरूम की तरफ रख दिया। वहां दो दिन बाद शवों पर सैनिटाइज डालकर थोड़ा-थोड़कर उन्हें जलाता रहा। जलाने के बाद बची राख और हड्डी को वहीं एक गड्ढा खोदकर दबा दिया था।
पिता के मोबाइल से की खरीदारी, रिश्तेदारों को भेजे झूठे मैसेज –
आरोपी ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद घर की फिनायल डालकर सफाई की। इसके बाद पिता को जिंदा बताने के लिए उनके फोन-पे से खरीदारी करता रहा। पिता के नंबर से भाई और रिश्तेदारों को उनके ठीक होने और वापस लौट आने का झूठा मैसेज भेजता। पिता का मोबाइल नंबर उपयोग में आने और जांच के दौरान पुत्र के विलासितापूर्ण जीवनशैली पर पुलिस को संदेह हुआ। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त हॉकी स्टीक, सैनिटाइजर, लाइटर बरामद कर लिया है। उसे दीवान के अंदर छिपाकर रखा गया था।