दिल्ली [ News T20 ] | समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक और तीन बार उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव नहीं रहे।  नेताजी को यूरिन संक्रमण, ब्‍लड प्रेशर की दिक्‍कत और सांस लेने में तकलीफ की वजह से दो अक्‍टूबर को मेदांता अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। तभी से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। नौ दिन तक मेदांता के आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहने के बाद नेताजी ने सोमवार सुबह 8:16  बजे अंतिम सांस ली। 82 साल की उम्र में सोमवार सुबह उनका निधन हो गया।

समाजवादी पार्टी के नेताओं और समर्थको में शोक की लहर

मुलायम सिंह यादव के निधन से देश भर में उनके समर्थकों और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विभिन्‍न राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़कर काम करने वाले राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। पिछले कई दिनों से मुलायम सिंह की सेहत को लेकर देश भर में चिंता जताई जा रही थी।

समाजवादी पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुलायम सिंह यादव के पुत्र और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से नेताजी के निधन की पुष्टि की गई। ट्वीट में लिखा है- ‘मेरे आदरणीय पिताजी नहीं रहे-अखिलेश यादव।’ मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिलते ही मेदांता अस्‍पताल पर उनके समर्थकों, परिवार के नजदीकी लोगों और राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है। बड़ी संख्‍या में आ रहे लोगों को देखते हुए अस्‍पताल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पिछले कई दिनों से मुलायम सिंह की सेहत को लेकर देश भर में चिंता जताई जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और सीएम योगी आदित्‍यनाथ सहित देश की तमाम राजनीतिक हस्तियां लगातार उनकी सेहत का हाल ले रही थीं। मुलायम सिंह यादव की शख्‍सयित पार्टी की सीमाओं से पार हर दल और विचारधारा के लोगों को आकर्षित करती थीं।

यही वजह है कि सोमवार को उनके निधन के बाद सिर्फ समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि हर दल और संगठन में शोक की लहर है। मुलायम जब से मेदांता अस्‍पताल में भर्ती थे तबसे उन्‍हें देखने के लिए देश भर से लोग पहुुंच रहे थे।

संघर्षों से तय किया था सैफई से शिखर तक का सफर 

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1932 में उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के सैफई गाँव में में हुआ था। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। मुलायम सिंह सैफई से सत्‍ता के शिखर तक का सफर बड़े ही संघर्षों के साथ तय किया था।

उनके राजनैतिक जीवन कुछ इस प्रकार है –

  • 1967 में पहली बार विधायक बने।
  • 1977 में पहली बार UP में मंत्री बने।
  • 1982 में UP विधान परिषद के अध्यक्ष बने।
  • 1989 में पहली बार उत्तरप्रदेश ( UP ) के मुख्यमंत्री बने।
  • 1992 में समाजवादी पार्टी बनाई।
  • 1993 में दूसरी बार UP के मुख्यमंत्री बने।
  • 1996 में पहली बार सांसद बने।
  • 1996 -1998 में देश के रक्षा मंत्री बने।
  • 2003 में तीसरी बार UP के मुख्यमंत्री बने।
  • 2007 में दूसरी बार UP में विपक्ष के नेता बने।

 

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