Mughal Harem Dark Secrets: मुगल हरम (Mughal Harem) के कई ऐसे राज हैं जिन्हें जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे. मुगल हरम में बादशाह की बेगमें, उनकी रखैलें और तमाम महिला रिश्तेदार रहती थीं. इसके अलावा युद्ध में जीतकर लाई गईं महिलाओं को जबरदस्ती हरम में शामिल कर लिया जाता था. हरम की सुरक्षा बहुत कड़ी थी. मुगल हरम में रहने वाली महिलाओं को सख्त नियमों का पालन कर पड़ता था और किसी कानून का उल्लंघन हो जाए तो उसकी भी सख्त सजा मिलती थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुगल हरम में पर्दे के पीछे भी एक ऐसी चीज होती थी जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे. इसका खुलासा किसी और नहीं बल्कि पेशे से एक चिकित्सक और शहजादे दारा शिकोह के दोस्त इतालवी मनूची ने किया था.
मनूची के काम आई शहजादे की दोस्ती
जान लें कि पेशे से हकीम होना और मुगल शहजादे दारा शिकोह से बहुत घनिष्ठता होना मनूची के काफी काम आया. मनूची ने मुगल काल के अपने संस्मरणों को अपनी किताब मुगल इंडिया में लिखा है. मनूची ने लिखा कि एक बार हरम में जाते समय शहजादे दारा शिकोह ने जब मुझे कपड़े से ढका हुआ देखा तो उन्होंने किन्नरों को आदेश दिया कि मेरे ऊपर से कपड़ा हटा दिया जाए. भविष्य में भी कभी ऐसा ना किया जाए. मुझे बिना ढके ही हरम में एंट्री दी जाए. शहजादे का मानना था कि मनूची के दिमाग में उतनी गंदगी नहीं है जितनी दूसरों में है.
हरम में ऐसा क्या करती थीं महिलाएं?
मनूची अपनी किताब मुगल इंडिया में लिखते हैं कि जब कोई चिकित्सक हरम में जाता था तो मरीज और उसके बीच में एक पर्दा होता था. कई बार जब चिकित्सक पर्दे के भीतर हाथ बढ़ाता था तो अंदर बैठी महिला उस बढ़े हुए हाथ को अजीब तरीके से छूती थी. कई बार तो चूम भी लेती थी.
जानबूझकर अनजान बनता था मनूची
इतालवी चिकित्सक मनूची ने बताया कि उसके साथ भी कई बार ऐसा हुआ. मनूची ने ये भी बताया कि उसके साथ जब ऐसा हुआ तो उसने क्या किया? मनूची ने बताया कि मैं उस वक्त अनजान बना रहता था जिससे कि वहां मेरे पास बैठे किन्नर और अन्य लोगों को इस बारे में नहीं मालूम हो.
गौरतलब है कि मुगल हरम के बारे में मनूची को इतनी ज्यादा जानकारी इसीलिए मिल पाई क्योंकि वह एक चिकित्सक था. वरना तो शाही घराने के लोगों के अलावा किसी अन्य मर्द को हरम में एंट्री नहीं मिलती थी. अगर कोई चिकित्सक भी हरम में इलाज के लिए लाया जाता था तो उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती थी.