जांजगीर-चांपा। दसवीं के छात्र की हत्या के मामले में पुलिस ने मां और चाचा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने मिलकर नाबालिग को मौत के घाट उतार दिया था। बालक ने अपनी मां और चाचा को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था, जिसके बाद पकड़े जाने के डर से दोनों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया था। जानकारी के मुताबिक, द्ववासा बाई धीवर निवासी मुड़पार ने 14 अप्रैल को चौकी नैला में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 13 अप्रैल से उसका पुत्र विशेष धीवर घर से गायब है। आसपास पता करने पर कोई पता नहीं चला। महिला की शिकायत पर पुलिस ने धारा 363 भादवि के तहत मामला दर्ज किया।

जांच के दौरान 13 अप्रैल को मृतक के घर के बाड़ी से लगे कुंअे मेें एक बालक का शव तैरता हुआ मिला। मृत बालक का पैर तार एवं पत्थर से बंधा हुआ था, जिस पर मर्ग कायम कर शव पंचनामा कार्रवाई की गई। धारा 302, 201,34 जोड़कर विवेचना की गई। पुलिस ने संदेह के आधार पर मृतक की मां द्वासा बाई धीवर और चाचा राजू धीवर को हिरासत में लेकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई। कड़ाई से पूछताछ में बताये कि मृतक के पिता वर्ष 2008 से हत्या के प्रकरण में बिलासपुर जेल में सजा काट रहे है। इसी दौरान द्वासा बाई धीवर और देवर राजू धीवर के बीच प्रेम संबंध हो गया था।

13 अप्रैल को दोनों तिलई के बैंक से वापस घर आये और बाद मे बालक विशेष धीवर दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। घटना के संबंध में बालक ने जेल जाकर अपने पिता को बताऊंगा कहने लगा। इस बात से डर कर आरोपी राजू धीवर अपने भतीजे की गला और मुंह को दबाकर हत्या कर दिया। इसके बाद मृतक के पैर को बाड़ी में रखे तार एवं पत्थर से बांधकर शव को कुंआ मेें फेंक दिया था। पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।

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