रायपुर: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कैंसर के रोकथाम की दिशा में तेजी से काम कर रही है। देश में सभी उच्च मूल्य की कैंसर रोधी दवाओं के दामों में समूह समझौता के परिणामस्वरूप औसतन 82% फीसदी की कमी आई है। यह कहना है रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का।
दरअसल बृजमोहन अग्रवाल ने देश में उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर केयर को लेकर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ जानकारी मांगी थी कि, जिसमे पूछा गया था कि, रोगियों को वहनीय लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर-परिचयर्या सुनिश्चित करने, पिछले चार वर्षों के दौरान कैंसर-केयर के क्षेत्र में आरम्भ किए गए विशिष्ट अनुसंधान के परिणाम और राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड की कैंसर-केयर में भूमिका, इसके केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों आदि की राज्य-वार सूची मांगी थी।
जिसपर राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पैशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, परमाणु ऊर्जा विभाग के तत्वावधान में एक सहायता प्राप्त संस्थान टाटा स्मारक केंद्र 60:40 अनुपात मॉडल पर काम करते हुए किफायती लागत पर उच्च गुणवत्ता की कैंसर देखभाल प्रदान कर रहा है।
जिसके तहत 60% रोगी अत्यधिक आर्थिक सहायता पर इलाज या लगभग निःशुल्क इलाज प्राप्त कर रहे हैं और 40 फीसदी काफी रियायती दरों पर इलाज करा रहे हैं। साथ ही कैंसर प्रबंधन के लिए स्रोत आधारित दिशानिर्देशों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जोड़ा गया है जिससे लाभार्थियों के लिए देखभाल सुविधा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
जितेंद्र सिंह ने पिछले चार वर्षों में कैंसर देखभाल के क्षेत्र में टीएमसी द्वारा शुरू किए गए विशिष्ट अनुसंधान परिणाम का विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि, अब तक 400 से अधिक ऑन्कोलॉजिस्ट प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। टीएमसी द्वारा किए गए एक प्रमुख यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण (आरसीटी) से इलाज की दरों में 26% की वृद्धि हुई। जिससे प्रतिवर्ष 1 लाख लोगों की जान बचाने की आशा है।
बृजमोहन अग्रवाल के सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने बताया कि, राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड अब 340 कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी पक्षपोषण समूहों, परोपकारी संगठनों और व्यावसायिक संस्थाओं के एक बड़ा नेटवर्क में विकसित हो गया है। जो एनसीजी प्रतिवर्ष 8.5 लाख से ज्यादा नए रोगियों का उपचार करता है, जो भारत के कुल कैंसर रोगियों का लगभग 60 प्रतिशत है। भारत में कैंसर देखभाल के सभी हितधारकों को शामिल करते हुए, यह कैंसर की रोकथाम में एक मजबूत, एकीकृत और शक्तिशाली साधन है।