दुर्ग / कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार आज दुर्ग कलेक्टोरेट में एडीएम अरविंद एक्का की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी 9 अक्टूबर को शिवनाथ नदी में आयोजित होने वाले मॉक ड्रिल के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। डिप्टी कमान्डेंट एनडीआरएफ पवन जोशी ने बताया राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ़) एक भारतीय विशेष बल है यह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत गठित किया गया था।
आपदा आने से पहले आपदा को रोकने की कोशिश रहती है। पूरे भारत में छत्तीसगढ़ एक सुरक्षित राज्य है जो आपदाओं से बचा हुआ है। यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों की तैयारियों का आकलन करना और आपदा प्रबंधन की दक्षता को बढ़ाना है।
मॉक ड्रिल में शामिल गतिविधियों के अंतर्गत पानी में फंसे लोगों का बचाव, नाव दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाना, गोताखोरों का प्रशिक्षण, पशुधन को बचाना, राहत शिविर का आयोजन और प्रबंधन, ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षण इत्यादि शामिल है। एडीएम अरविंद एक्का ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस मॉक ड्रिल में सक्रिय सहयोग देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग, पशु विभाग, पुलिस विभाग आदि को आपदा की स्थिति में तत्पर रहने और प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए तैयार रहने को कहा।
बैठक में कमान्डेंट एनडीआरएफ नरेंद्र सिंह, एनडीआरएफ से रामयापन रूंसुग एवं संदीप सिंग, एएसपी अभिषेक झा, एसडीएम दुर्ग हरवंश मिरी, संयुक्त कलेक्टर मुकेश रावटे, एसडीएम भिलाई-3 महेश राजपूत, एसडीएम भिलाई लवकेश ध्रुव, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लता उर्वशा तथा संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।