बच्ची के परिजनों ने तीन साल पहले सेकंड हैंड मोबाइल फोन खरीदा था। बच्ची मोबाइल फोन पर वीडियो देखती थी। सोमवार को भी वह वीडियो देख रही थी तभी हादसा हुआ। धमाके की सूचना मिलने के बाद स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। फोरेंसिक एक्सपर्ट्स भी मौके पर पहुंचे और जांच की। पझायन्नूर पुलिस के अनुसार मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। बच्ची के चेहरे पर गंभीर चोटें आईं थी। उसके पिता का नाम अशोक कुमार और मां का नाम सौम्या है। अशोक कुमार श्री पझायनूर ब्लॉक पंचायत के पूर्व सदस्य हैं।
गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है जब मोबाइल फोन से जुड़े हादसे की शिकार बच्ची हुई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चों को मोबाइल फोन देने से परहेज करना चाहिए। अगर जरूरी हो तो उन्हें अपनी निगरानी में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने देना चाहिए। बहुत से बच्चे वीडियो देखने के लिए मोबाइल को अपने चेहरे के बेहद करीब रखते हैं। इससे आंखों को नुकसान होने का खतरा रहता है। मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसकी बैटरी की स्थिति क्या है। अगर मोबाइल फोन अधिक गर्म हो रहा है तो यह खरते का संकेत हो सकता है।
इन हादसों से कैसे बचें
- अगर आप इन हादसों से बचना चाहते हैं तो फोन चार्जिंग के दौरान बिल्कुल इस्तेमाल ना करें।
- अगर फोन में हीटिंग की दिक्कत है तो इसे सर्विस सेंटर पर चेक कराएं।
- हमेशा फोन को शून्य से 100 प्रतिशत तक चार्ज ना करें।
- चार्जिंग के दौरान हमेशा कंपनी द्वारा दिया गया चार्जर और केबल ही इस्तेमाल करें।
- हीट से बचने के लिए चार्ज करते समय गेम न खेलें, वीडियो स्ट्रीम या अन्य कोई ऑपरेशन न करें।
- 80 या 90 प्रतिशत पर चार्ज खत्म करना बैटरी के लिए पूरी तरह से फुल होने की तुलना में बेहतर होता है।