दुर्ग / मोहन नगर थाना क्षेत्र में बीती रात 5 वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की झकझोर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। मासूम के साथ अनाचार और अप्राकृतिक कृत्य किया गया। इतना ही नहीं पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया।

रात करीब 10.30 बजे वायरल वीडियो बच्ची की मां के पास पहुंचा। इसके बाद मामले का खुलासा हुआा। पुलिस ने दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। वीडियो वायरल करने वाले राज सोनकर को बुधवार तड़के पकड़ा गया। नाबालिगों को सुधार गृह भेजा गया है। बहरहाल मामले में पुलिस जांच जारी है।

अबोध बालिका को पता ही नहीं था उनके मुंहबोले भैया हैवान बन चुके हैं –

रात के करीब 8.30 बज रहे थे। मासूम घर के बाहर आंगन में खेल रही थी। तभी दोनों दरिंदे उसके पास पहुंचे। मासूम तो उन्हें मुंहबोला भैया ही जान रही थी। उस अबोध को क्या पता था कि दोनों हैवान हो चुके हैं।

बहलाया, फुसलाया तो उनके साथ चली गई। दोनों बच्ची को एक सूने मकान में ले गए। एक बदमाश ने अपने एक हाथ से मासूम के बाल पकड़ लिए और दूसरे हाथ मोबाइल के जरिए वीडियो बनाने लगा। दूसरा बदमाश मासूम के साथ अनाचार और अप्राकृतिक कृत्य करता रहा।

पहले भी पॉक्सो एक्ट में पकड़ा गया था –

डीएसपी अभिषेक झा के मुताबिक थाना क्षेत्र के एक आरोपी निगरानी बदमाश का 15 वर्षीय बेटा पहले भी पॉक्सो एक्ट के मामले में बाल सुधार गृह जा चुका है। दूसरे नाबालिग के खिलाफ भी कई शिकायतें मिल चुकी है। पुलिस तीनों आरोपियों का आपराधिक रिकार्ड तैयार कर रही है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

परिजन पर जानलेवा हमले की कोशिश –

बुधवार को तीनों आरोपियों के पकड़े जाने के बाद निगरानी बदमाश ने बच्ची के परिजन पर फर्से से जानलेवा हमला करने की कोशिश की। बच्ची की मां ने पुलिस से कहा कि मेरी इकलौती बेटी के साथ गंदी हरकत करने वालों को जिंदा जला दो या फांसी पर लटका दो। उन्होंने कहा कि समाज में घूम रहे ऐसे दरिंदों से हमारी बेटियों को कौन बचाएगा।

हर महीने पॉक्सो से जुड़े औसतन 10 केस दर्ज हो रहे, क्या हम ऐसे शहर में जी रहे हैं –

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार अन्य राज्यों की तुलना में दुष्कर्म के मामले में हमारा राज्य और शहर भले ही पीछे हो, लेकिन हर महीने पॉक्सो से जुड़े दस मामले तो जिले के 24 थानों में दर्ज होते ही हैं। वर्ष 2019 से अब तक तीन साल आठ महीने में जिले में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अपहरण, छेड़छाड़ के 1236 मामले दर्ज हो चुके हैं।

इनमें से 703 मामले मासूमों से दरिंदगी और अनाचार के हैं। ये आंकड़े शर्मसार करने वाले हैं और भयावह भी। हमें सोचने पर मजबूर तो कर ही देता है कि हम ऐसे शहर में जी रहे हैं।

विजय नगर केस को भूला नहीं शहर –

मोहन नगर थाना अंतर्गत विजय नगर में करीब 10 साल पहले ऐसी ही घटना सामने आई। इसमें नाबालिग से दुष्कर्म करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। मामले में आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस इस मामले में लगातार जांच करते रही है, लेकिन अब तक आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। फाइल बंद कर दी गई है।

माधवी मेश्राम की हत्या भी अनसुलझी –

मोहन नगर थाना अंतर्गत प्रोफेसर कॉलोनी निवासी माधवी मेश्राम को भी शहर नहीं भूल पाया है। घटना आज तक अनसुलझी है। नाबालिग किशोरी घर से कैसे बाहर निकली, कैसे उसकी हत्या हुई। शव घर के बाहर झाड़ियों तक कैसे पहुंचा। अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। इस मामले में भी पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई।

कानून का डर और समझ नहीं होना कारण: पल्लव –

मनोरोग विशेषज्ञ व एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव के मुताबिक बच्चों के साथ होने वाली घटनाएं झकझोर कर रख देती है। मासूम के साथ गैंग रेप जैसी घटना हुई है। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों में कानून का डर और समझ नहीं होती है।

कई बार नशे की हालत में वारदात करते हैं। काउंसिलिंग जरूरी है। जेजे एक्ट के तहत 16 वर्ष से ऊपर के नाबालिगों पर वयस्क की तरह ट्रायल हो, ऐसी कोशिश होगी।

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