
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। सरकंडा थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की को उसकी सहेली और सहेली की मां ने भरोसे का फायदा उठाकर जबरन शराब पिलाई और उसे देह व्यापार में धकेल दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग को रेस्क्यू कर लिया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घरेलू विवाद के बाद घर से निकली थी नाबालिग
8 अगस्त को सरकंडा थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी घरेलू विवाद के कारण घर से लापता हो गई है। महिला ने अपहरण की आशंका जताई थी। इस पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

सहेली और उसकी मां ने दिया धोखा
जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया। पूछताछ में उसने बताया कि घर छोड़ने के बाद वह अपनी सहेली के पास गई थी। शुरू में सहेली और उसकी मां ने उसे सहारा दिया, लेकिन बाद में रायगढ़ ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। वहां उसे जबरन शराब पिलाई जाती थी और अलग-अलग पुरुषों के साथ भेजा जाता था। विरोध करने पर उसे धमकाया और पीटा भी जाता था।
गिरोह का नेटवर्क पहले से सक्रिय
पीड़िता ने बताया कि इस पूरे कृत्य में उसकी सहेली, उसकी मां के साथ-साथ विकास भोजवानी नामक युवक भी शामिल था। यह गिरोह पहले से सक्रिय था और अन्य लड़कियों को भी इसी तरह फंसाकर शोषण किया जाता था।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई, तीन आरोपी गिरफ्तार
सरकंडा पुलिस ने तुरंत छापेमारी कर कलिका तिवारी, तान्या सूर्यवंशी और विकास भोजवानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके अलावा दो नाबालिग लड़कियों को हिरासत में लेकर परामर्श की सुविधा दी जा रही है। पुलिस ने यह भी बताया कि विकास भोजवानी पर पहले भी पिटा एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है।
थाना प्रभारी का बयान
थाना प्रभारी नीलेश पाण्डेय ने कहा,
“मामला बेहद गंभीर है। विशेष टीम गठित कर जांच की जा रही है। पीड़िता की सुरक्षा प्राथमिकता है और गिरोह में शामिल सभी लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह नेटवर्क पहले से अपराध में शामिल था, जिसे तोड़ने की कार्रवाई जारी है।”
कानूनी धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों पर IPC की संबंधित धाराओं, पॉक्सो एक्ट, मानव तस्करी कानून और पिटा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पीड़िता का मेडिकल टेस्ट और परामर्श की व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन ने साफ कहा है कि नाबालिगों के साथ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला समाज के लिए एक बड़ा सबक है। घरेलू विवाद या मानसिक तनाव में बच्चे जब घर छोड़ते हैं, तो वे आसानी से आपराधिक गिरोह के जाल में फंस सकते हैं। परिवारों को चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और देखभाल पर विशेष ध्यान दें ताकि वे किसी अपराध का शिकार न बनें।
