कोविड-19 (COVID-19) महामारी का सामना आज भी पूरी दुनिया कर रही है. कोरोना आउटब्रेक (Corona Pandemic) के बाद से ही साइंटिस्ट इस संक्रमण को लेकर कई तरह की स्टडी कर रहे हैं. कोरोना पर एक के बाद एक कई अध्ययन हो चुके हैं. हर बार कुछ न कुछ नई और चौंकाने वाला फाइंडिंग सामने आती है. इसी कड़ी में अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स ने एक चौंकाना वाला दावा किया है. एक स्टडी में बताया गया है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों के खून में खास तरह के स्पेसेफिक प्रोटीन की पहचान की की है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि खून की जांच से पता लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमित किन रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद वेंटिलेटर की जरूरत हो सकती है और किसे वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत की सबसे ज्यादा संभावना है. रिसर्चर्स का कहना है कि 300 से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोगों के ब्लड की टेस्टिंग की गई थी जिसे बात इसका खुलासा किया गया है.
प्रोटीन से हो सकती है बीमारी की पहचान
स्टडी में बताया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के खून में हानिकारक प्रोटीन की पहचान करना मददगार साबित हो सकता है. इससे न केवल वायरस के वैरिएंट की पहचान कर सकते हैं, जो कोरोना का कारण बन सकता है, बल्कि भविष्य में सामने आने वाले और कोरोना संक्रमण से लड़ने में हम मदद मिल सकती है. रिसर्चर्स का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों का खून लिया जा सकता है. फिर इसमें प्रोटीन के लेवल की जांच की जा सकती है. ऐसे में मरीज के गंभीर लक्ष्णों की जल्द पहचान की जा सकती है. फिर इस जानकारी का इस्तेमाल मरीज के सही इलाज में किया जा सकता है.
ऐसे की गई प्रोटीन की पहचान
जनरल साइंस में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि प्रोटीन के ओवर और अंडर एक्सप्रेशन की पहचान करने के लिए हाई थ्रूपट प्रोटिओमिक्स नाम की एक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. वैज्ञानिकों ने एक अलग तरह की भी स्टडी की है जिसमें पता लगाया गया है कि कौन से प्रोटीन असल में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते है.