09 से 13 जनवरी तक आयोजित मध्यस्थता प्रशिक्षण के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में न्यायालयों में प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिनके कारण न्यायालयों पर भी दबाव बना रहता है। आज मानव तकनीकी रूप से विकसित होता जा रहा है और इससे विवादांे में भी वृद्धि हो रही है। सभी स्तरों पर मध्यस्थता केन्द्र पूर्व से संचालित है पर उनमें उतनी संख्या में प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाता हैए जितना की होना चाहिए इसलिये यह मीडियेशन ट्रेनिंग भी आवश्यक हो जाता है। जिसमें प्रतिभागियों को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण मीडियेशन के माध्यम से प्रभावी ढंग से पक्षकारों के मध्य कैसे कराया जा सके जिससे कि पक्षकारा पुरी तरह से संतुष्ट होकर जाए। यह उन्हें इस प्रक्षिक्षण कार्यक्रम बताया जायेगा। निश्चित रूप से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ अधिक से अधिक प्राप्त होगा यह प्रशिक्षण लाभदायी सिद्ध होगा।
उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति संजय अग्रवाल एवं अध्यक्ष मीडियेशन कमेटी उच्च न्यायालय ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पक्षकारों के मध्य लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाये जिसमें पक्षकारों के बीच आसानी से समझौता कर उसका निराकरण किया जा सके। इस हेतु दो पक्षों के बीच के मध्य सुलह कराने हेतु मीडियेटर की आवश्यकता होगी। इसी अनुक्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा मॉनिटरिंग एण्ड कौंसिलेशन प्रोजेक्ट कमेटी का गठन किया गया और वर्ष 2015 में प्रथम मीडियेशन टेªनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया।
जिसके बाद इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने में आये। मध्यस्थता के क्रियान्वयन बाद प्रकरणों को मध्यस्थता के माध्यम से निराकृत करने से प्रकरणों में कमी आने लगी। मीडियेशन ट्रेनिंग के माध्यम से पक्षकारों के मध्य मध्यस्थ कराने का तरीका एवं परिस्थितियों को देखते हुए सुलह कराये जाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि मीडियेशन की कार्यवाही हेतु छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा मीडियेशन रूल्स 2015 भी तैयार किया गया हैए जिसमें मध्यस्थता केन्द्रों का संचालन एवं उसके कार्याे के संबंध में पूरी जानकारी दी गई है, जिसके तहत प्रशिक्षित मीडियेटर को किस तरह से काम करना है बताया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का स्वागत भाषण बलराम प्रसाद वर्मा, सचिव कमेटी फॉर मानिटरिंग द मिडियेशन सेंटर के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन आनंद प्रकाश वारियाल सदस्य सचिव तथा श्रीमती कामिनी जायसवाल अवर सचिवए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा किया गया। उक्त 40 घंटे के मिडियेशन प्रशिक्षण हेतु दिल्ली से वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में राजेश गुप्ता एवं सुरेन्द्र सिंह तथा पोटेन्शियल ट्रेनर के रूप में झारखण्ड से शिवशंकर प्रसादए अशोक कुमार राय, बरून कुमार पाण्डेय, उत्तरप्रदेश से नीरज उपाध्याय उपस्थित हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 09 जनवरी से 13 जनवरी 2023 तक दो बैचों में चलेगा। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के 05 न्यायिक अधिकारी एवं 37 अधिवक्ता सहित कुल 40 प्रतिभागीगण भाग ले रहे हैं।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से माननीय न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल, माननीय न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, माननीय न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी, माननीय न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत, माननीय न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय, सतीश चन्द्र वर्मा, महाधिवक्ता, अरविंद कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार जनरल, श्रीमती सुषमा सांवत डायरेक्टर, न्यायिक एकेडमी, अशोक कुमार साहू जिला न्यायाधीश, बिलासपुर, रमाशंकर प्रसाद प्रधान न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट सहित बड़ी संख्या में रजिस्ट्री, एकेडेमी, जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारीगण तथा वरिष्ठ अधिवक्ता, ट्रेंड मीडियेटर अधिवक्ता, अधिवक्तागण एवं विधि छात्रगण उपस्थित रहें।