
ट्रक और स्कॉर्पियो सीज, एक आरोपी गिरफ्तार – बाकी फरार
रायगढ़। जिले में वन विभाग ने अवैध लकड़ी तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में विभाग की टीम ने करीब 45 लाख रुपये मूल्य की कीमती लकड़ियां जब्त की हैं। इसके साथ ही एक 18 चक्का ट्रक और एक स्कॉर्पियो वाहन को सीज किया गया है। कार्रवाई के दौरान एक आरोपी को हिरासत में लिया गया, जबकि उसके साथी मौके से फरार हो गए।
नहर किनारे छापा, खैर और तेंदू लकड़ियां बरामद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाली से गोर्रा मार्ग के बीच नहर के पास भारी मात्रा में अवैध लकड़ी लोडिंग की जा रही थी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने कुर्मापाली-गोर्रा मार्ग पर छापा मारा। मौके से खैर और तेंदू जैसी कीमती लकड़ियों से भरा 18 चक्का ट्रक मिला, जिसे जब्त कर लिया गया।

मौके से छुईपारा निवासी महेंद्र यादव (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। जब्त लकड़ियों को उर्दना काष्ठागार भेजा गया है, जहां लकड़ी का घनमीटर के आधार पर मूल्यांकन जारी है।
45 लाख की लकड़ी जब्त, स्कॉर्पियो वाहन भी पकड़ा गया
अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में जब्त लकड़ी की कीमत लगभग 45 लाख रुपये आंकी गई है। वहीं, तस्करी से जुड़ी स्कॉर्पियो गाड़ी को भी कोतरा रोड ओवरब्रिज के पास से जब्त किया गया।
वन विभाग की टीम को देखकर वाहन में मौजूद आरोपी मौके से फरार हो गए। स्कॉर्पियो पर हरियाणा पासिंग नंबर प्लेट मिली है, जिससे लकड़ी तस्करी के बड़े नेटवर्क की आशंका जताई जा रही है।
विभाग ने मांगी वाहनों की पंजीयन जानकारी
वन विभाग ने आरटीओ को पत्र भेजकर दोनों वाहनों के पंजीयन और स्वामित्व की जानकारी मांगी है। अधिकारियों ने बताया कि लकड़ी की सटीक मात्रा और मूल्य निर्धारण घनमीटर के आधार पर किया जाएगा।
एसडीओ (फॉरेस्ट) ने बताया कि तस्करी की सूचना मिलते ही इलाके में विशेष निगरानी और गश्त बढ़ाई गई थी। जैसे ही तस्करों की गतिविधि की पुष्टि हुई, टीम ने तत्काल छापा मारकर ट्रक और स्कॉर्पियो सीज कर ली।
तस्करों में मचा हड़कंप, ग्रामीणों ने की वन विभाग की सराहना
वन विभाग का कहना है कि लकड़ी तस्करी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सीमावर्ती इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
इस कार्रवाई के बाद तस्करों में हड़कंप मच गया है। वहीं, स्थानीय लोगों ने वन विभाग की तत्परता की प्रशंसा की है और मांग की है कि इस तरह की कड़ी कार्रवाइयां नियमित रूप से जारी रहें, जिससे वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
