Happy Mahashivratri 2022: भिलाई / [ न्यूज़ टी 20 ] आज (1 मार्च) को पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूम- धाम से मनाया जा रहा है। इस दिन कालसर्प दोष और कुंडली के कई दोषों की पूजा करने का विधान है।
आपको बता दें आज मकर राशि में पंचग्रही योग बना हुआ है। यह योग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। पंचाग के अनुसार मकर राशि में यह योग महाशिवरात्रि पर 179 साल बना है।
इसलिए आज के दिन का महत्व और भी कई गुना बढ़ गया है। आज हम आपकु कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे धन, परिवार समेत कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के इन उपायों के बारे में-
महाशिवरात्रि पूजा का शुभ समय:
- पहले पहर की पूजा- 1 मार्च को शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 09 बजकर 27 मिनट तक।
- दूसरे पहर की पूजा- 1 मार्च की रात 09 बजकर 27 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक।
- तीसरे पहर की पूजा- 2 मार्च की सुबह 03 बजकर 39 मिनट से सुबह 06 बजकर 45 मिनट तक।
- चौथे पहर की पूजा का समय- 2 मार्च को सुबह 03 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक।
- व्रत पारण का समय- 02 मार्च को सुबह 06 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
शीघ्र विवाह का उपाय:
अगर आपकी लंबे समय से शादी नहीं हो पा रही है या विवाह में कोई ना कोई अड़चने आ रही हैं तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। क्योंकि मान्यता है जो लोग भगवान शिव का नित्य जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक करते हैं, उनको ग्रह नहीं सताते हैं और उनके सभी काम बनते चले जाते हैं।
आय में हो सकती है वृद्धि:
महाशिवरात्रि पर घर में पारद के शिवलिंग की स्थापना किसी योग्य आचार्य से कराकर प्रतिदिन उसकी पूजा- अर्चना कीजिए ऐसा करने से आय में वृद्धि के योग बनेंगे। साथ ही आकस्मिक धनलाभ भी होगा।
पित्र दोष के मिल सकती है मुक्ति:
महाशिवरात्रि के दिन गरीबों को भोजन कराएं। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी और पित्रों की आत्मा को शांति भी मिलेगी। क्योंकि अगर आपके पित्र आपसे नाराज है तो घर में दरिद्री छा जाती है और बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं।
आटे के बनाएं 11 शिवलिंग:
शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और 11 ही बार इनका जलाभिषेक करें। मान्यता है इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। वहीं अगर कुंडली में कालसर्प योग भी स्थित है तो भी यह उपाय कारगर रहेगा।
अगर कुंडली में हो कालसर्प दोष:
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प या राहु दोष हो तो वह भोलेनाथ का गन्ने के रस से रसाभिषेक करें। ऐसा करने से उसे कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।