महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देसी गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया है। यह फैसला भारतीय संस्कृति में गाय के महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। देसी गाय के दूध, गोबर, और गोमूत्र की उपयोगिता को आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार, और जैविक खेती में महत्वपूर्ण माना गया है। इस निर्णय के साथ महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है जिसने गाय को यह सम्मान दिया है।

गायों को राज्यमाता (Maharashtra Rajya Mata) का दर्जा देने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि देसी गाय हमारे किसानों के लिए वरदान है इसलिए हमने ये दर्जा देने का निर्णय लिया है और साथ में उसके संवर्धन के लिए हमने चारे का भी इंतजाम किया है. सरकार ने देसी गायों को पालने के लिए सब्सिडी योजना भी शुरू करेगी. आज हुई कैबिनेट बैठक में इसे भी मंजूरी दे दी गई है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 38 फैसलों को मंजूरी दी गई. राजस्व विभाग के अंतर्गत कोतवालों का वेतन दस फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी गई है. साथ ही उन पर अनुकंपा नीति भी लागू की जाएगी. इसके साथ ही राज्य में सैन्य स्कूलों के लिए संशोधित नीति लागू करने को भी मंजूरी दे दी गई है. ठाणे सर्कुलर मेट्रो रेल परियोजना के काम में तेजी लाई जाएगी. इसी पृष्ठभूमि में 12 हजार 200 करोड़ की संशोधित योजना को भी मंजूरी दे दी गई है।

देशी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान: फडणवीस

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, देशी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं. इसलिए, हमने उन्हें यह (‘राज्य माता’) (Maharashtra Rajya Mata) दर्जा देने का फैसला किया है. हमने गोशालाओं में देशी गायों के पालन-पोषण के लिए भी मदद देने का फैसला किया है।

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