
Ujjain Mahakal Bird Migration News: धार्मिक नगरी उज्जैन सिर्फ बाबा महाकाल के मंदिर के लिए नहीं, बल्कि हजारों किलोमीटर दूर से आने वाले रहस्यमय पक्षियों के लिए भी जानी जाती है। कभी ये पक्षी उज्जैन की सुबह को अपनी चहचहाहट से जीवंत कर देते थे। आज भी कुछ पक्षी हैं जो बाबा महाकाल के मंदिर की परिक्रमा करते देखे जाते हैं।
सात समंदर पार से आते हैं साइबेरियन पक्षी
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साइबेरिया से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ये पक्षी उज्जैन पहुंचते थे।
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उनके आगमन का मुख्य कारण है मां क्षिप्रा नदी का प्रवाह और उज्जैन में मौजूद सप्त सागर।
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क्षिप्रा नदी चंबल, यमुना और फिर गंगा में मिलती है, जिससे बनने वाले तीर्थ संगम का आकर्षण इन पक्षियों को खींचता है।
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यह दृश्य इतना सुंदर होता है कि मानो प्रकृति खुद श्रद्धालु बन जाए।
महाकाल मंदिर की करते हैं परिक्रमा
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कई विलुप्त प्रजातियों के पक्षी आज भी महाकाल मंदिर के आस-पास नजर आते हैं।
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आरती के समय ये पक्षी मंदिर के ऊपर शिखर नुमा आकार में उड़ते हुए परिक्रमा करते हैं।
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यह दृश्य देखने वाले श्रद्धालु इसे ईश्वरीय चमत्कार मानते हैं।
अद्भुत होती है साइबेरियन पक्षियों की स्मरण शक्ति
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साइबेरियन पक्षियों की स्मरण शक्ति इंसानों से भी बेहतर होती है।
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ये हर बार सही समय पर अपने गंतव्य तक बिना रास्ता भटके पहुंच जाते हैं।
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एक बार में ये पक्षी 6000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं।
उज्जैन के पर्यावरण से रहा है गहरा रिश्ता
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उज्जैन की हरियाली, नदियां और तीर्थ स्थल इन पक्षियों के लिए हमेशा से आदर्श रहे हैं।
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हालांकि, वातावरणीय बदलाव और मानव हस्तक्षेप के चलते आज इनकी संख्या घटती जा रही है।
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फिर भी कुछ पक्षी आज भी यहां की धार्मिक और प्राकृतिक ऊर्जा को महसूस करते हुए पहुंचते हैं।
