शराब घोटाला: हाईकोर्ट ने कवासी लखमा की जमानत अर्जी खारिज, कहा – गंभीर आर्थिक अपराध में संलिप्तता

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने माना कि यह मामला गंभीर आर्थिक अपराध से जुड़ा है और जांच अभी जारी है। ऐसे में यदि आरोपी को जमानत मिलती है तो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बनी रहती है।

कब और क्यों हुई गिरफ्तारी?

  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कवासी लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था।

  • इस समय वे रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

  • ईडी ने आरोप लगाया है कि लखमा ने 2019 से 2023 के बीच एफएल-10ए लाइसेंस नीति लागू कर अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा दिया।

ईडी का दावा: 72 करोड़ की अवैध कमाई

ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार:

  • शराब सिंडिकेट से लखमा को हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए मिलते थे।

  • इस तरह से उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 72 करोड़ रुपए की गैरकानूनी कमाई की।

  • आरोप है कि इस घोटाले ने प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित किया।

आगे क्या होगा?

हाईकोर्ट का यह फैसला शराब घोटाले की जांच को और गंभीर बना सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आरोप साबित होते हैं, तो यह राज्य के सबसे बड़े राजनीतिक–आर्थिक घोटालों में से एक होगा।

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