पूरा मामला जांजगीर जिले के नवागढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम केरा का है। यहां रहने वाले अरुण बंजारे की शादी 2010 में अनीता बंजारे से हुई थी। दोनों पहले बातचीत करते थे फिर दोनों के मध्य प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। दोनों के घरवालों की सहमति से रीति रिवाज से 2010 में दोनो की शादी हो गई। प्रेमविवाह के बाद दोनो के दो बच्चे हुए। अरुण बंजारे रोजी मजदूरी कर अपना परिवार चलाता था। अनिता नवीं क्लास तक पढ़ी लिखी थी। इसलिए अरुण बंजारे ने किसी तरह प्रयास कर अपनी पत्नी को सन 2016 में आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी लगवा दी।
नौकरी लगने के बाद अरुण की आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार आया और उसने अपने बच्चों की पढ़ाई शुरू करवा दी। इसी बीच अरुण बंजारे की पत्नी अनीता बंजारे अपने पति अरुण व अपने बच्चों को छोड़कर पड़ोस में रहने वाले एक लडके के साथ भाग गई। अरुण बंजारे ने अपनी पत्नी अनीता को वापस लाने की बहुत कोशिश की। पर उसकी पत्नी वापस आने को तैयार ही नहीं हुई। परिवार वालों ने भी बच्चों का वास्ता देकर वापस लौट आने के लिए समझाइश दी।
बच्चों के नाम से भी अनिता वापस लौटने के लिए तैयार नहीं हुई। सभी तरह से थक हार कर अरुण बंजारे ने इसकी लिखित शिकायत जांजगीर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी व एसपी विजय अग्रवाल के पास की और अपनी पत्नी को वापस दिलाने की मांग की है।
पीड़ित पति अरुण बंजारे का कहना है कि मैं अपनी पत्नी अनीता को बुलाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती और दोनों बच्चे भी मेरे साथ रह रहे हैं। जिनकी अकेले देखभाल करने में मुझे बड़ी परेशानी हो रही है। यूपी की पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य की तरह यह कहानी भी चर्चा का विषय बनी हुई है।