बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कुत्ते के काटने से रैबीज फैलने का मामला सामने आया है। ग्राम परसागुड़ी निवासी 27 वर्षीय अविनाश लकड़ा की रविवार को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार युवक की मौत रैबीज संक्रमण की वजह से हुई।

जड़ी-बूटी से इलाज कराते रहे परिजन, नहीं दिया गया टीका

14 मार्च को जमुनिया बाजार से लौटते समय अविनाश को एक आवारा कुत्ते ने दाएं हाथ में काट लिया था। परिजनों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने एंटी रैबीज इंजेक्शन दिलाने के बजाय जड़ी-बूटी से उपचार शुरू किया। शुरू में लक्षण नहीं दिखने पर परिजन लापरवाह हो गए।

जब दिखे रैबीज के लक्षण, तब तक बहुत देर हो चुकी थी

कुछ दिनों पूर्व युवक की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी, वह पागलों की तरह हरकतें करने लगा और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। पहले उसे राजपुर स्वास्थ्य केंद्र, फिर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

डॉक्टरों की चेतावनी – समय पर टीका लगवाना बेहद जरूरी

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पुष्टि की कि युवक में रैबीज के सभी लक्षण पाए गए। यदि कुत्ते के काटने के तुरंत बाद उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया गया होता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। विशेषज्ञों ने आम लोगों से अपील की है कि कुत्ते के काटने पर घरेलू इलाज के बजाय मेडिकल ट्रीटमेंट को प्राथमिकता दें।

जनजागरूकता की आवश्यकता

यह घटना स्वास्थ्य जागरूकता की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास की गंभीर तस्वीर दिखाती है। विशेषज्ञों ने कहा है कि रैबीज से बचाव संभव है, बशर्ते समय रहते टीकाकरण और सही इलाज कराया जाए।

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