भिलाई [न्यूज़ टी 20] Sovereign Gold Bond Scheme: भविष्य में आने वाली किसी भी जरूरत या परेशानी का आसानी से सामना कर पाए इसके लिए लोगों के पास निवेश के अलग-अलग विकल्प होते हैं. कुछ लोग सोना खरीदते हैं तो कुछ प्रॉपर्टी में और कुछ एलआईसी में निवेश करते हैं. वहीं कुछ लोग म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करते हैं. सरकार की तरफ से भी निवेश की अलग-अलग योजनाएं हैं, उनमें से ही एक है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड.
आइए जानते हैं क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और इसमें कैसे निवेश करते हैं?
मौजूदा वित्त वर्ष में दूसरी बार आई योजना
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक तरह से डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का मौका होता है. जो निवेशक डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम है. यह स्कीम मौजूदा वित्त वर्ष में दूसरी बार लॉन्च की गई है. इससे पहले जून के महीने में इस स्कीम की पहली सीरीज लॉन्च की गई थी. 22 अगस्त से शुरू हुई दूसरी सीरीज में 26 अगस्त यानी शुक्रवार तक निवेश किया जा सकेगा.
एक ग्राम सोने के लिए देने होंगे 5,147 रुपये
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस (सोने की कीमत) 5,197 रुपये प्रति यूनिट (ग्राम) तय किया गया है. पहले की तरह इस बार भी ऑनलाइन निवेश करने वाले और ऑनलाइन भुगतान करने वाले निवेशकों को सोने की कीमत में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी. इस तरह ऑनलाइन निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज के तहत एक यूनिट सोने के लिए 5,147 रुपये का भुगतान करना होगा.
कैसे तय होती है गोल्ड की कीमत?
जून में आई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पहली सीरीज के तहत सोने की कीमत 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी. इस बार कीमत में प्रति ग्राम 106 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है.
इस स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए आरबीआई लॉन्चिंग डेट (सब्सक्रिप्शन शुरू होने की तारीख) से ठीक पहले के तीन कारोबारी दिनों के दौरान के सोने के बंद भाव को आधार बनाता है. इस सीरीज का इश्यू प्राइस तय करने के लिए 17,18 और 19 अगस्त के सोने के बंद भाव को आधार बनाया गया है.
स्कीम की अवधि 8 साल
इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भारतीय नागरिक, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स पैसा लगा सकते हैं. इस योजना की अवधि 8 साल है. इस दौरान निवेशक को प्रतिवर्ष 2.5 प्रतिशत के फिक्स्ड रेट के हिसाब से ब्याज मिलता है. ब्याज का भुगतान हर 6 महीने के अंतराल पर किया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 साल के लिए है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद भी पैसा निकाला जा सकता है.
कितने ग्राम गोल्ड में कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी निवेशक न्यूनतम 1 ग्राम सोने के लिए निवेश कर सकता है. व्यक्तिगत निवेशकों के लिए इस स्कीम के तहत निवेश की सीमा एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम तय की गई है. इसी तरह हिन्दू अनडिवाइडेड फेमिली (HUF) के लिए भी निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम तय की गई है.