ED की कार्रवाई प्रदेश में जारी है। IAS अफसरों, कारोबारियों और बड़े राजनेता ED के रडार पर हैं। छापों के बाद प्रवर्तन निदेशालय के अफसर पूछताछ के लिए लगातार लोगों को अपने दफ्तर में बुला रहे हैं। इस पूछताछ में लोगों के साथ क्या सलूक किया जाता है। इसका खुलासा एक कारोबारी के वकील ने किया है। वकील ने बताया है कि ED के अफसर बयान देने के लिए मजबूर करते हैं, पीटते हैं, तरह-तरह की सजाएं दी जाती हैं। अब बात कोर्ट तक जा पहुंची हैं।

रायपुर की अदालत ने कारोबारी की शिकायत स्वीकारते हुए इस मामले में ED से जवाब मांगा है। कारोबारी मनीष कुमार उपाध्याय के साथ भी ED अफसरों ने मारपीट की है। इनके वकील पलाश श्रीवास्तव ने खुलासा किया है कि ED के अफसर पूछताछ के दौरान कैसी-कैसी हरकतें कर रहे हैं। वकील ने बताया कि मेरे क्लाइंट को समन जारी हुआ। पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया गया था। जब वो ED दफ्तर गए तो उन्हें दबाव पूर्वक बयान देने कुछ लोगों के नाम लेने को कहा गया।

इनकार करने पर उन्हें खड़े रखा गया। अफसरों ने उन्हें बैठने नहीं दिया। 32 घंटे तक बिना ब्रेक के काराेबारी को खड़े रखा गया। वकील ने साफ कहा कि सोने, सुस्ताने की तो बात ही नहीं। कारोबारी ने बताया कि मुझे बुलाया गया 32 घंटे खड़ा रखा गया। कारोबारी को वैरीकोज वेन्स नाम की बीमारी है। ये बताने के बाद भी उसे खड़ा रखा गया। अफसर दबाव बनाते रहे कि हम जैसा कह रहे हैं वैसा बयान दो। करोबारी की बीमारी वैरीकोज वेन्स में खड़े होने और चलने में निचले शरीर की नसों में दबाव बढ़ जाता है, दर्द होता है। मगर अफसर नहीं माने।

आंख में चोट

वकील ने बताया कि ED के अफसर यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने कारोबारी को बुरी तरह से पीटा। इतना मारा कि आंख की रेटिना में दिक्कत आ चुकी है। बुरी तरह से अफसर उन्हें पीटते रहे। अब हाल ये है कि ED अफसरों की पिटाई और टॉचर्र की वजह से कारोबारी ठीक ढंग से खड़े नहीं हो पा रहे, आंखों का इलाज करवाना पड़ा है।

कोर्ट ने लिया संज्ञान

वकील पलाश श्रीवास्तव ने बताया कि हमने कोर्ट से मांग रखी है कि ED जो भी पूछताछ करे उसे नियमानुसार करे, आधिकारिक समन जारी हों, कई बार बिना किसी डेट या अधिकारी के हस्ताक्षर के समन जारी कर दिए जाते हैं। जो भी पूछताछ हो वी कैमरों की निगरानी में हो ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पूछताछ की जानकारी कोर्ट को मुहैया करवाई जाए। अधिवक्ता पलाश ने बताया कि और भी लोगों ने इस मामले में ऐसी प्रताड़ना की शिकायतें की हैं। रायपुर की कोर्ट ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख दी है, ED से भी इसपर जवाब लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया था लोगों को मुर्गा बना रहे ED वाले

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा था- ED के खिलाफ लोगों को समन देकर जबरन घर से उठाना। उनको मुर्गा बनाना, मारपीट कर दवाब डालकर मन चाहा बयान दिलवाने को बाध्य करना। आजीवन जेल में सड़ने की धमकी देना। बिना खाना-पानी के देर रात तक रोक कर रखना जैसे गंभीर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि- हम तो कहते हैं जो भ्रष्ट है उस पर कार्रवाई करो । मगर मारपीट क्यों कर रहे हो, मार- मार के हां बोलने को कह रहे हैं। जबरन हस्ताक्षर करने को कह रहे हैं, प्रताड़ित कर रहे हैं । एक उद्योगपति को इतना मारा कि वो अभी भी अस्पताल में हे। कितने लोग हैं जिनके हाथ-पैर में चोट आई । ये थर्ड डिग्री टॉचर्र कर रहे है हैं। इसका मतलब यही है कि आप जबरदस्ती से भ्रष्टाचार सिद्ध करना चाह रहे हैं।

IAS की पत्नी ने किया था चौंकाने वाला खुलासा

मनी लॉन्ड्रिंग के इसी केस में IAS समीर विश्नोई जेल में हैं। उनकी पत्नी प्रीति सिंह विश्नोई ने सुरक्षा देने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में बताया था कि उनके परिवार के साथ ED अफसरों ने क्या किया था। IAS की पत्नी ने बताया था कि – ED दफ्तर में मेरे पति से जबरन प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेता और कारोबारियों, अधिकारियों का नाम लेने को कहा गया। हम पर दबाव डाला और मेरे पति का करियर बर्बाद करने की धमकी दी। जबरदस्ती हमसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं। जेल भेजने की धमकी दी गई थी।

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