रायपुर / छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की संयुक्त टीम द्वारा पूछताछ के लिए लखमा की न्यायिक रिमांड 25 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।

कोर्ट में पेशी, ACB-EOW ने मांगी और समय

11 अप्रैल को रिमांड की अवधि पूरी होने पर कवासी लखमा को विशेष न्यायालय रायपुर में पेश किया गया, जहां जांच एजेंसियों ने तर्क दिया कि कई अहम दस्तावेज और बयान अभी सामने आने बाकी हैं। कोर्ट ने दलील को मानते हुए रिमांड बढ़ा दी।

करोड़ों के नुकसान का आरोप, घोटाले की परतें खुल रही हैं

जांच में सामने आया है कि लखमा के कार्यकाल में आबकारी विभाग में भारी भ्रष्टाचार और अवैध वसूली हुई, जिससे राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। अब तक कई अधिकारियों और कारोबारी इस जांच की जद में आ चुके हैं और मामला लगातार गहराता जा रहा है।

कवासी लखमा का बयान – “अब तो बोलने पर भी भेज देते हैं जेल”

मीडिया से बातचीत में कवासी लखमा ने एक तीखा बयान देते हुए कहा,
“अब तो बोलने से भी जेल भेज देते हैं…”
उनका यह बयान अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

ACB-EOW के पास और भी सबूत, आगे बढ़ेगी जांच

सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों के पास लखमा से जुड़े फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और महत्वपूर्ण फाइलें हैं, जिन पर 25 अप्रैल तक गहन पूछताछ की जाएगी। इस दौरान कई और नामों का खुलासा भी हो सकता है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *