RBI To NBFC: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे की तरफ से एनबीएफसी को आगाह किया गया है. उन्होंने कहा कि अनसेफ माने जाने वाले यानी बिना गारंटी वाले लोन और कैपिटल मार्केट फाइनेंसिंग पर निर्भरता लंबे समय में एनबीएफसी के लिए समस्या बन सकती है. स्वामीनाथन ने आरबीआई के एक कार्यक्रम में एनबीएफसी (NBFC) के आश्वासन कार्यों (अनुपालन, जोखिम और आंतरिक ऑडिट) प्रमुखों को संबोधित करते हुए लोन के बारे में फैसला लेने के लिए ‘एल्गोरिदम’ पर ज्यादा निर्भरता को लेकर भी चेतावनी दी.
फाइनेंशियल सिस्टम के लिए बड़ा रिस्क बताया
उन्होंने ‘नियमों की अनदेखी करने’ पर आरबीआई की निराशा को भी सबके सामने रखा. उन्होंने इसे फाइनेंशियल सिस्टम के लिए बड़ा रिस्क बताया. स्वामीनाथन ने कहा कि कुछ प्रोडक्ट या अनसेफ लोन जैसे क्षेत्रों के लिए रिस्क काफी ज्यादा हैं और यह लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि ज्यादातर एनबीएफसी में एक ही काम करने की इच्छा है. जैसे कि रिटेल अनसेफ लोन, ‘टॉप अप’ लोन अथवा कैपिटल मार्केट वित्तपोषण. ऐसे उत्पादों पर ज्यादा निर्भरता बाद में समस्या खड़ी कर सकती है.’
बही-खातों में बढ़ोतरी के लिए उठा रहीं कदम
स्वामीनाथन ने ‘एल्गोरिदम’ बेस्ड लोन देने के मामले पर कहा कि कई संस्थाएं बही-खातों में तेजी से वृद्धि के लिए नियम-आधारित ‘क्रेडिट’ का रुख कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, स्वचालन दक्षता को बढ़ा सकता है, लेकिन एनबीएफसी को ऐसे मॉडल से खुद को बांधना नहीं चाहिए. यह पहचानना जरूरी है कि नियम-आधारित लोन देने की व्यवस्था केवल उतने ही प्रभावी है जितने कि आंकड़े और मानदंड जिनपर वे बनाए गए हैं.’
स्वामीनाथन ने कहा, ‘विशेष रूप से उभरती बाजार स्थितियों में ऐतिहासिक आंकड़े या एल्गोरिदम पर अत्यधिक निर्भरता से कर्ज मूल्यांकन में चूक हो सकती है.’ उन्होंने एनबीएफसी को अपनी क्षमताओं और सीमाओं पर स्पष्ट दृष्टिकोण बनाए रखने और निगरानी व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने एनबीएफसी से साइबर सुरक्षा जोखिमों पर भी ध्यान देने के लिए कहा.