
“युद्ध नहीं, बातचीत ही समाधान” – जोसेफ औन
बेरुत: पश्चिम एशिया में शांति बहाल करने की कोशिशों के बीच लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन (Joseph Aoun) ने इजरायल के साथ बातचीत की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अब तक चली जंग से किसी भी पक्ष को कोई ठोस नतीजा नहीं मिला है और अब समय है कि विवादों को डायलॉग और समझौते के जरिए सुलझाया जाए।
“जंग से नहीं, डायलॉग से मिलते हैं नतीजे”
राष्ट्रपति औन ने कहा,

“लेबनान ने पहले भी अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में इजरायल से बातचीत की है। इसी का परिणाम था कि वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा समझौता हुआ।”
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा —
“जब युद्ध से कोई फायदा नहीं हुआ, तो पुराने सफल फॉर्मूले को दोहराने में क्या बुराई है?”
औन का मानना है कि वेस्ट एशिया (West Asia) में इस वक्त माहौल बातचीत और समझौते की दिशा में बढ़ रहा है और लेबनान को भी इस प्रक्रिया से अलग नहीं रहना चाहिए।
“क्षेत्र में बदलाव के संकेत”
औन ने पत्रकारों से कहा कि हालात अब स्थिरता और शांति की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“हमारे लिए यह ज़रूरी है कि हम बातचीत की प्रक्रिया में शामिल हों। इसी रास्ते से स्थायी समाधान संभव है।”
राष्ट्रपति के इस बयान को पश्चिम एशिया में बदलते राजनीतिक परिदृश्य और नए पीस इनिशिएटिव्स के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू होने के एक दिन बाद, लेबनानी समूह हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमला किया था।
यह संघर्ष करीब 14 महीनों तक चला और अमेरिका की मध्यस्थता के बाद नवंबर में समाप्त हुआ।
इस जंग में हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ — कई वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य कमांडर मारे गए और संगठन की सैन्य क्षमता कमजोर हुई।
ट्रंप की मध्यस्थता के बाद आया बयान
राष्ट्रपति औन का यह बयान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कराई गई सीजफायर मध्यस्थता के बाद सामने आया है।
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था जब फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया था।
इस हमले में 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बनाया गया था।
