हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड फिल्मों में टाइम ट्रैवल का कॉन्सेप्ट काफी समय से चर्चा में है. टाइम ट्रैवल का अर्थ है समय में आगे या पीछे यात्रा करना. कई बार एक्टर समय में पीछे जाकर गुजर चुकी घटना को बदल कर दुनिया को बचा लेता है, वहीं कई बार वो वक्त में आगे जाकर किसी घटना को होने से रोक लेता है. पर ये सब क्या वाकई में हकीकत है या सिर्फ कोरी कल्पना है?
यूं तो टाइम ट्रैवल को लेकर अलग-अलग मत हैं, मगर हाल ही में एक फोटो वायरल हो रही है, जो 83 साल पहले खिंची (Time traveller spotted in photo) थी और उसे देखने के बाद लोगों के होश उड़ गए और उन्हें भरोसा होने लगा कि टाइम ट्रैवल मुमकिन है!
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक ग्रुप है, r/timetravelercaught. इस ग्रुप में ऐसी फोटोज और वीडियोज पोस्ट किए जाते हैं, जिससे ये साबित होता है कि समय यात्री असल में मौजूद है. 4 साल पहले एक फोटो ग्रुप पर पोस्ट की गई थी, जिसे लेकर दावा किया गया कि वो 1941 में खींची गई है. यानी आज से 83 साल (83 year old photo time traveller) पहले उस फोटो को खींचा गया था. फोटो के साथ उसकी लोकेशन की जानकारी भी दी गई है.
फोटो में दिखा समय यात्री!
पोस्ट में दावा किया गया है कि ये तस्वीर एडविन रोज़कैम ने शिकागो के साउथ साइड में एक सिनेमा हॉल के बाहर खींची थी. फोटो में थिएटर के बाहर लंबी लाइन देखने को मिल रही है. छोटे-बड़े उम्र के लोग लाइन में लगे दिख रहे हैं. पर सबकी नजर सबसे आगे लगे शख्स पर टिक गई है. शख्स के हाथ में एक चीज है, जो दिखने में आई-पैड लग रही है. हैरानी इसी बात की है कि एपल कंपनी 1976 में बनी थी, जबकि पहला आई-पैड 2010 में बना था. तो ये कैसे मुमकिन है कि शख्स के पास उस दौर में आइपैड हो? लोगों ने अंदाजा लगाया कि जरूर वो शख्स एक समय यात्री होगा जो वक्त में पीछे गया था और नजर में आ गया.
लोगों ने दिए फोटो के तर्क
हालांकि, हर सिक्के के दो पहलु होते हैं. उसी प्रकार इस तस्वीर के भी दो पहलु जरूर होंगे. आज के दौर में देखें तो मुमकिन है कि ये असल में AI से बनी फोटो हो. पर लोगों ने कमेंट कर अन्य पहलुओं को भी साझा किया है. कई लोगों ने कहा कि वो आई-पैड नहीं बल्कि नोटबुक लग रही है. एक ने कहा कि 1941 में विश्व युद्ध जारी था, उस दौर में समय यात्रा करना बेवकूफी भरा आइडिया है.