एनकाउंटर का विवरण
दुर्ग पुलिस अधिकारी एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कुख्यात बदमाश अमित जोश के एनकाउंटर की पूरी जानकारी प्रेस में साझा की। इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब पुलिस और आरोपी आमने-सामने आए, तो अमित ने अपनी पिस्तौल निकालकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुँचा।
घटनाक्रम की शुरुआत
एसपी शुक्ला ने बताया कि यह घटना आज से चार महीने पहले शुरू हुई थी। 25-26 जून 2024 की रात करीब 1:30 बजे ग्लोब चौक में रमनदीप सिंह और उसके दो साथी उपस्थित थे। अमित जोश अपने साथियों डागी, अंकुर और यशवंत के साथ वहाँ पहुंचे। रमनदीप और उनके साथियों के साथ गाली-गलौज के बाद अमित ने पिस्तौल निकालकर तीन राउंड फायरिंग की, जिससे सुनील यादव और आदित्य सिंह घायल हो गए और उन्हें मेकाहारा में भर्ती कराया गया।
आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास
पीड़ित रमनदीप की रिपोर्ट के बाद थाना भिलाई नगर में अमित जोश और उसके साथियों पर अपराधिक क्रिया 285/2024, धारा 307, 34 भदावी, और 25-27 आर्म्स एक्ट कायम किया गया। एसपी सुखनंदन राठौर, सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी, और क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक के नेतृत्व में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी अमित जोश फरार था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई और अलग-अलग राज्यों में दबिश दी गई थी। गिरफ्तारी के लिए ईनाम भी घोषित किया गया था।
अमित जोश का अन्तिम सामना
दुर्ग पुलिस को जानकारी मिली कि अमित जोश दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में छुपा हुआ है। 7 और 8 नवंबर को होटल, लॉज, ढाबा, रेल्वे स्टेशन की जांच और नाकेबंदी की गई। 8 नवंबर की शाम को सर्चिंग कर रही पुलिस टीम ने अमित को जयंती स्टेडियम के पास देखा। अमित ने पुलिस को देखकर जंगल की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे बंदूकबारी करते हुए गोली मार दी। मुठभेड़ में अमित जोश की मौके पर ही मौत हो गई।
वैधानिक कार्रवाई और प्रतिक्रिया
पुलिस ने घटना के अपराध और मर्ग की वैधानिक जांच शुरू कर दी है। एफएसएल टीम को बुलाकर निरीक्षण और जब्ती कार्रवाई की गई है। एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा पंचनामा तैयार किया गया है और डॉक्टरों की टीम ने अमित जोश का पोस्टमार्टम कराया है। मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों की बहादुरी की सराहना की है।