नई दिल्ली: भारत में जल्द ही अफ्रीकी देश बोत्सवाना (Botswana) से 8 कालाहारी चीतों का आगमन होने जा रहा है।
यह पहल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले एक समझौते के तहत पूरी होगी।
🇮🇳 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोत्सवाना दौरे पर
राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोने (Gaborone) पहुंचीं।
यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा है।
एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति डुमा गिदोन बोको ने उनका स्वागत किया और उन्हें 21 तोपों की सलामी तथा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
भारत-बोत्सवाना के बीच मजबूत होंगे द्विपक्षीय संबंध
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते हो सकते हैं —
🔹 व्यापार और निवेश
🔹 प्रौद्योगिकी और ऊर्जा
🔹 कृषि और रक्षा सहयोग
राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार को बोत्सवाना की नेशनल असेंबली को भी संबोधित करेंगी।
कालाहारी के 8 चीते जल्द पहुंचेंगे भारत
भारत और बोत्सवाना के बीच होने वाले समझौते के तहत 8 कालाहारी रेगिस्तानी चीते भारत भेजे जाएंगे।
ये चीते घान्जी (Ghanzi) क्षेत्र से लाए जा रहे हैं और पहले इन्हें क्वारंटाइन सुविधा में रखा जाएगा।
यह भारत के ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत तीसरा अंतरराष्ट्रीय सहयोग होगा।
भारत में चीतों की वापसी की कहानी
भारत में चीतों को 1952 में विलुप्त घोषित किया गया था।
इसके बाद, सरकार ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ के जरिए उन्हें फिर से बसाने की पहल शुरू की।
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2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए
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2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आए
वर्तमान में भारत में कुल 27 चीते हैं, जिनमें से 16 भारत में ही जन्मे हैं।
इन्हें कुनो नेशनल पार्क और गांधीसागर पार्क में रखा गया है।
भारत का वन्यजीव संरक्षण मिशन होगा और मजबूत
बोत्सवाना से आने वाले ये चीते भारत के वन्यजीव संरक्षण मिशन को और गति देंगे।
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि इको-टूरिज्म और जैव विविधता को भी बढ़ावा देगी।