स्वतंत्रता दिवस 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बस्तर को सलाम, अब नक्सलवाद नहीं… खेलों से पहचान

लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन – बस्तर ओलंपिक से युवाओं की बदली तस्वीर

लाल किले से बस्तर का ज़िक्र

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एक समय बस्तर का नाम आते ही नक्सलवाद और हिंसा की छवि सामने आती थी, लेकिन आज वहां की पहचान खेल, शिक्षा और विकास बन चुकी है।

बंदूक की जगह खेल का मैदान

प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा कि बस्तर के नौजवान अब बंदूक के बजाय खेल के मैदान में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन युवाओं के उत्साह, जोश और ऊर्जा का प्रतीक बन चुके हैं। उन्होंने इस बदलाव को सुरक्षा, विकास और जनसहभागिता के संयुक्त प्रयासों का परिणाम बताया।

नक्सलवाद में ऐतिहासिक गिरावट

पीएम मोदी ने कहा कि कभी देश के कई हिस्से नक्सलवाद की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे, लेकिन अब यह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।

  • पिछले 11 वर्षों में नक्सल प्रभावित जिले 125 से घटकर सिर्फ 20 रह गए हैं।

  • हिंसा और भय का माहौल खत्म हो रहा है और विकास की गति तेज हो रही है।

बस्तर में नए अवसर

आज बस्तर में खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि बस्तर की यह नई पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

शांति और प्रगति की ओर बढ़ता बस्तर

पीएम मोदी ने कहा कि अब बस्तर शांति, प्रगति और गौरव की राह पर आगे बढ़ रहा है, और यह परिवर्तन देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

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